धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी को लेकर देश में पिछले कुछ समय से छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने आज कहा कि हर धर्म के लोगों को अपने धर्म को चलाने की आजादी है।
नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में आज महिलाओं के एक समूह के साथ स्थानीय लोगों के एक समूह द्वारा कथित दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय घटी जब महिलाओं का समूह मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने करीब 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली कारों के निर्माण, मॉडल नंबर और रजिस्ट्रशन नंबर की जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है और इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करने से देश के प्रथम नागरिक के लिए खतरा हो सकता है। मंत्रालय ने जिस सूचना को देने से मना कर दिया है वह अपुष्ट सूत्रों के हवाले से सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। पीसीआई ने यह कदम अपने समन पर सोमवार को उनके उपस्थित नहीं होने पर उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र में पहली बार भारतीय संविधान के रचयिता और दलित अधिकार कार्यकर्ता बी आर अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी जिसमें सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा।
महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर 400 साल से जारी प्रतिबंध के खत्म होने के बाद पूजा अर्चना करने के लिए आज सुबह से ही मंदिर में पुरूषों और महिलाओं की लंबी कतारे देखने को मिलीं। शनिवार को शनि भगवान की विशेष पूजा की परंपरा है।
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित होकर तृप्ति देसाई के नेतृत्व में भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता आज शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए रवाना हुईं। अहमदनगर जिले में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर की परंपरा महिलाओं को तीर्थस्थल के पवित्र चबूतरे पर प्रवेश से रोकती है।
बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा मंदिरों में प्रवेश को महिलाओं का मौलिक अधिकार बताए जाने के एक दिन बाद शनिवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने शनि शिंगणापुर मंदिर के भीतरी गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों और पुलिस ने उन्हें रोक दिया। नाराज भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने कहा कि अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ करने वाले न्यायालय के आदेश का सम्मान करने में विफल रहे तो वह उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगी।
महाराष्ट्र में महिलाओं को अब मंदिरों में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय ने आज निर्देश देते हुए कहा कि पूजास्थलों पर जाना महिलाओं का मौलिक अधिकार है और इसकी रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। मंदिरों में लैंगिक समानता के लिए अभियान चला रही सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने अदालत के आदेश का स्वागत किया है।
पश्चिम बंगाल जहां कुछ ही दिनों में चुनाव में मतदान के लिए तैयार है, वहीं राज्य की यौनकर्मियों ने पहले के चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर निराशा जताई है और कहा है कि इस बार वे ठोस उपाय चाहती हैं।