विश्व की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।
अमेरिका में नौकरी करना विकासशील देशों के युवाओं का सबसे सुहाना सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए अमेरिकी सरकार इन युवाओं को एच-1बी वीजा जारी करती है जिनके जरिये अल्पकाल के लिए अमेरिका में नौकरी का मौका मिलता है।
अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया दोनों के लिए लगातार खतरा बना हुआ है तथा अमेरिका दोनों देशों में अपने सहयोगियों की मदद से इससे लड़ रहा है।
सिर्फ यह कहना गलत होगा कि मोदी सरकार के एक साल में उम्मीद से कम काम करने के कारण ही शेयर बाजार लुढ़कता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और निवेशकों को भारतीय बाजार के मुकाबले चीनी बाजार ज्यादा आकर्षक लग रहा है।
अमेरिका ने कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए आज मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिका का मानना है कि बदलाव लाने के लिए शांतिपूर्ण प्रयास करने वाले सरकार विरोधी नहीं हैं और न ही वे राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 479 अंक की लंबी छलांग के साथ 27,490.59 अंक पर पहुंच गया। वाहन, रीयल्टी तथा रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार की धारणा को बल मिला। अप्रैल में लगातार बिकवाली के बाद निवेशकों ने अब नए सौदे किए हैं। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150 अंक की बढ़त के साथ एक बार फिर 8,300 अंक के स्तर के पार निकल गया।
कर विशेषज्ञों ने कहा है कि वित्त मंत्री अरूण जेटली की विदेशी कंपनियों की कुछ आय पर मैट में छूट की घोषणा से विदेशी कंपनियों को राहत जरूर मिली है लेकिन सरकार को पिछले बकाये के लिए कर संधि लाभों के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
अमेरिकी कांग्रेस की ओर से गठित एक आयोग ने कहा है कि साल 2014 में भारत में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसक हमलों, जबरन धर्मांतरण और घर वापसी जैसे अभियानों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भारत सरकार ने इस पर कड़ा एेतराज जताते हुए इसे खारिज कर दिया है। लेकिन मोदी राज में विश्व मंच पर भारत की छवि चमकने के दावों को तगड़ा झटका लगा है।
सरकार ने मंगलवार को माना कि नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसई) की 263 कंपनियों और बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) की 2015 कंपनियों में एक भी महिला निदेशक नहीं हैं।