दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
बॉलीवुड में अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरने वाली पूर्व विश्व सुंदरी एक अमेरिकी टीवी शो में एफबीआइ की नई रंगरूट एलीक्स पेरीश की भूमिका में दिखाई पड़ेंगी। उनके साथ जैक मैकलॉगिन, डॉग्ररे स्कॉट और एंनजोन एलीस भी हैं।
यह आम बात हो गई है कि भारत के राजनीतिज्ञ कठोर राजनीतिक फैसले लेने से कतराते हैं और उन्हें अदालत के भरोसे छोड़ देते हैं। राजनैतिक, कार्यकारी और विधायी जिम्मेदारियों से यह पलायन ही न्यायिक सक्रियतावाद को जन्म देता है।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने भारत आए रिपब्लिकन सांसद आरोन शॉक ने इस्तीफा दे दिया है। उन पर गलत तरीके से भत्ता वसूलने और भारत की अपनी यात्रा के दौरान सूचना दिए बिना एक फोटोग्राफर को साथ ले जाने का आरोप है।
बीते वर्ष सितंबर में व्हाइट हाउस में घुसपैठ करने वाले व्यक्ति ने चाकू लेकर अत्यधिक सुरक्षा वाली इमारत की चारदीवारी फांदकर घुसने का अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
ईरान से परमाणु करार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब तक सिर्फ इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निशाने पर थे मगर अब ओबामा प्रशासन को देश के भीतर से ही चुनौती मिली है। इस मुद्दे पर अमेरिका के रिपाब्लिकन सीनेटर खुलकर ओबामा प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास से कोरियाई क्षेत्र में फैले तनाव की पृष्ठभूमि में गुरुवार की सुबह दक्षिण कोरिया में अमेरिका के राजदूत मार्क लिपर्ट पर उस समय हमला हुआ जब वह भाषण दे रहे थे।
क्या ईरान के मुद्दे पर अमेरिका और इस्राइल के दशकों पुराने संबंध फीके पड़ जाएंगे? क्या ईरान इन दोनों चिर मैत्री में बंधे देशों के बीच दरार डाल देगा? अगर इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के वर्तमान अमेरिका दौरे की घटनाओं को देखें तो आभास कुछ-कुछ ऐसा ही होता है।