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Search Result : "अरबों रुपये"

फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

एक निजी कंपनी द्वारा 251 रुपये में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की योजना को मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रॉड करार देते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इस योजना को लांच करने के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जताया और सरकार से इस बारे में जवाब देने को कहा।
जेब में होंगे 400 रुपये पर चार्टर्ड विमान से जाएंगे संजू बाबा

जेब में होंगे 400 रुपये पर चार्टर्ड विमान से जाएंगे संजू बाबा

अभिनेता संजय दत्त 25 फरवरी को पुणे की येरवडा जेल से रिहा होने के बाद मुंबई स्थित अपने घर जाने के लिए चार्टर्ड विमान की सवारी करेंगे। संजय दत्त 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों से जुड़े होने के कारण पुणे जेल में सजा काट रहे हैं। इतने दिनों जेल में किए गए श्रम के लिए उन्हें 500 रुपये से भी कम मेहनताना मिलेगा।
जनधन में 21 करोड़ खाते खुले, 32,000 करोड़ रुपये जमा: राष्ट्रपति

जनधन में 21 करोड़ खाते खुले, 32,000 करोड़ रुपये जमा: राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री जनधन योजना को दुनिया का सबसे सफलतम वित्तीय समावेश कार्यक्रम बताते हुए राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि योजना के तहत 21 करोड़ खाते खोले गये जिनमें 32,000 करोड़ रुपये की राशि जमा है।
कई स्मार्ट फोन को मात दे रहा है 251 रुपये का फ्रीडम

कई स्मार्ट फोन को मात दे रहा है 251 रुपये का फ्रीडम

भारतीय मोबाइल हैंडसेट बाजार में प्रवेश करने वाली नई कंपनी रिंगिंग बेल्स ने मात्र 251 रुपये का फोन पेश किया है जो दुनिया में सबसे सस्ता स्मार्टफोन बताया जा रहा है। इतनी कम कीमत और बेहतरीन फीचर्स ने दुनियाभर के स्मार्टफोन निर्माताओं को चौंका दिया है।
शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूबे

शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूबे

दलाल पथ स्थित बंबई शेयर बाजार में आज उस समय हाहाकार मच गया जब भारी गिरावट दर्ज करते हुए सेंसेक्स 807.07 अंक टूटकर 23,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह पिछले 21 महीने का निचला स्तर होने के साथ ही छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। आज की गिरावट से निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
दस साल में मनरेगा में  3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

दस साल में मनरेगा में 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 4700 रुपये, संपत्ति एक करोड़ से अधिक की

नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 4700 रुपये, संपत्ति एक करोड़ से अधिक की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शायद अपनी जेब में ज्यादा पैसे रखना नहीं चाहते हैं जबकि उनकी कुल संपत्ति 1.41 करोड़ रुपये से अधिक की है। उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा आवासीय प्रॉपर्टी से ही है जो उन्होंने 13 साल पहले खरीदी थी और अब इसकी कीमत 25 गुना से भी अधिक हो गई है।
तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

तो शुगर की जांच एक रुपये के खर्च में होगी

भारत में चिकित्सा शोध की स्थिति हमेशा विकसित देशों के मुकाबले पिछड़ी रही है। कई गंभीर बीमारियां पूरे देश में फैल जाती हैं और उसपर नियंत्रण में खासा समय लग जाता है। ऐसे में देश में चिकित्सा शोध के लिए जिम्मेदार सरकारी विभाग चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएचआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर बड़ी जिम्मेदारी आती है। आउटलुक ने आईसीएमआर की उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में परिषद की महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से विस्तृत बातचीत की। पेश हैं अंशः
शहरी कचरे से खाद बनाने पर प्रति टन 1,500 रुपये की मदद

शहरी कचरे से खाद बनाने पर प्रति टन 1,500 रुपये की मदद

सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपये प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी। किसान इस खाद का इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप में कर सकते हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। इस बाजार विकास सहायता से किसानों के लिए कंपोस्‍ट खाद की खुदरा कीमत में कमी आने की उम्मीद है।
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।