क्रिकेटर-नेता-मनोरंजन टी.वी. चैनलों के मसखरे नवजोत सिंह सिद्धू का राज्यसभा से इस्तीफा भाजपा से अधिक भारतीय संसद की गरिमा के साथ खिलवाड़ माना जाना चाहिए।
पिछले साल शुरू हुए किसान चैनल पर सियासत का साया पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस चैनल के एडवाइजर नरेश सिरोही को बिना कारण बताए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है।
भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए घोटाले पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर जमकर निशाना साधा है। आजाद ने कहा कि 'दिल्ली हाई कोर्ट और मुद्गल कमेटी ने वही सब कहा जो मैंने डीडीसीए पर आरोप लगाया था। अब क्यों नहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली को तिहाड़ जेल के अंदर होना चाहिए'।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज बचत पर ऊंची ब्याज दरों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सोचने वाली बात है कि क्या हमें बचत पर ऊंची ब्याज दर जारी रखनी चाहिए क्योंकि इससे कर्ज महंगा होता है और अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होती है।
पूर्व कानून मंत्री व भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे राम जेठमलानी ने कानून के क्षेत्र में एक नया रिकार्ड बनाया है। वे इस समय देश के एकमात्र ऐसे वकील है जिन्हें वकालत करते हुए 75 साल हो गए हैं। चंद महीनों बाद वे 94 साल के हो जाएंगे। इतनी उम्र हो जाने के बाद भी उनके मन में एक ऐसी आग है जिसे वे छिपाना भी नहीं चाहते हैं। प्रस्तुत है इस जाने माने वकील और हाल में बिहार से राज्यसभा के लिए निर्वाचित सांसद से विवेक सक्सेना की बातचीतः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह इस बार भी राष्ट्रपति के निमंत्रण के बावजूद रमजान के इफ्तार का खजूर और बिरयानी खाने नहीं गए। गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते भी उन्होंने स्वयं कभी इफ्तार का आयोजन करना या जाना पसंद नहीं किया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की संपत्ति वित्त वर्ष 2015-16 में 2.83 करोड़ रुपये कम हो गई। बैंक खाते में नकदी कम होने से उनकी संपत्ति 68.41 करोड़ रुपये रह गई।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात की। केंद्रीय बैंक तथा सरकार नीतिगत ब्याज दर निर्धारण की नई व्यवस्था तुरंत स्थापित करना चाहती है, संभवत: यह मुलाकात इसी संदर्भ में हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली सुब्रमण्यम स्वामी के मसले को लेकर मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। स्वामी ने हाल ही में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन सहित अन्य आर्थिक विशेषज्ञों पर ऊंगलियां उठार्इ थी। उन्होेंने जेटली पर भी प्रहार किया था।
सुब्रह्मण्यन स्वामी के लगातार आरोपों से अब भाजपा के भी कुछ नेता परेशान हो गए हैं। उन्होंने मांग की है कि स्वामी को बेकार के बयान देने से रोका जाए। इनकी राय है कि स्वामी के आरोपों से सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। उसके कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं स्वामी को अब पार्टी चुप रहने की हिदायत दे सकती हैं।