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Search Result : "अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ"

ट्रंप के मुस्लिम विरोधी बयानों को हिलेरी ने बताया खतरनाक

ट्रंप के मुस्लिम विरोधी बयानों को हिलेरी ने बताया खतरनाक

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की होड़ में आगे चल रहीं हिलेरी क्लिंटन ने मुस्लिम विरोधी जुमलेबाजी पर अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करते हुए उनके बयानों को आपराधिक एवं खतरनाक बताया। इससे पहले लातीनी तथा अफ्रीकी मूल के अल्पसंख्यक मतदाताओं को गोलबंद करने की मुहिम चलाने के क्रम में हिलेरी क्लिंटन और उनकी ही पार्टी के बर्नी सैंडर्स के बीच नस्ल तथा आव्रजन के मुद्दे पर तीखी नोक-झोंक भी हुई।
पाकिस्तान: हिंदू विवाह विधेयक को संसदीय समिति ने दी मंजूरी

पाकिस्तान: हिंदू विवाह विधेयक को संसदीय समिति ने दी मंजूरी

पाकिस्तान में दशकों के विलंब और निष्क्रियता के बाद हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के पास अब जल्दी ही एक विवाह कानून होगा। देश के संसदीय पैनल ने हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दे दी है।
एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। केद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं देकर दलितों, पिछड़ों और अन्य जातियों के छात्र-छात्राओं का हक मारा जा रहा है।
मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

मुसलमानों पर अरबों खर्च लेकिन हालात बद से बद्तर

भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक है मुसलमान। मगर सबसे बड़ा यह अल्पसंख्यक संपन्न अल्पसंख्यक नहीं है। उसे 68 साल से लगातार बैसाखियों की जरूरत पड़ती रही है, मगर उसे अक्सर यह बैसाखी या तो टूटी हुई मिली है या मिली ही नहीं। सवा 12 साल पिछले और डेढ़ साल इस सरकार का छोड़ दें तो आजाद भारत करीब 54 साल ऐसे गुजरे हैं जब देश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में रही है। सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुसलमान को ज्यादातर जो बैसाखी मिली हैं वह इसी कांग्रेस के राज में दी गईं, तो मुसलमान की हालत इतनी खराब क्यों है।
एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पलटवार की तैयारी

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पलटवार की तैयारी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय ने सरकार के खिलाफ कवायद तेज कर दी है। गौरतलब है कि हाल ही में एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने के मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के उस फैसले को मानती है, जिसमें एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने से इंकार किया गया था।
धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 पर संसद में चर्चा तक नहीं हो सकी। भाजपा सांसदों ने विधेयक टेबल तक नहीं होने दिया। गौरतलब है कि गत दिवस लोकसभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने धारा 377 संशोधन विधेयक पेश किया था। विधेयक को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। इस विधेयक के खिलाफ 71 और पक्ष में कुल 24 वोट डले। इस दिन को लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय ने काला दिवस बताया।
ट्रंप के बयान के बाद मुस्लिमों के समर्थन में आए गूगल प्रमुख

ट्रंप के बयान के बाद मुस्लिमों के समर्थन में आए गूगल प्रमुख

फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
दिल्ली में आत्मघाती हमले की ताक में लश्कर: पुलिस

दिल्ली में आत्मघाती हमले की ताक में लश्कर: पुलिस

दिल्ली पुलिस को लश्कर ए तैयबा के दो सदस्यों की तलाश है जिन्होंने विशिष्ट लोगों को निशाना बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में आत्मघाती हमले करने की साजिश रची है। पुलिस सूत्र से मिली जानकारी में बताया गया है कि इस साजिश का खुलासा उस वक्त हुआ जब दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो संदिग्ध सदस्यों दुजाना और उकाशा के भारत में घुसपैठ करने के बारे में खुफिया सूचना मिली।
अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगान में मौत की सड़क से गुजरते हुए डरते हैं हजारा समुदाय के लोग

अफगानिस्तान के मैदान शहर के पश्चिम में 40 किलोमीटर के राजमार्ग को मौत की सड़क के तौर पर जाना जाता है। इस सड़क के बारे में चालक कहते हैं कि इसपर आतंकवादी जातिय, हजारा अल्पसंख्यकों को भेड़ों और गायों की तरह काटते हैं।
लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

लोकतंत्र का तकाजा है कि लेखक आवाज उठाएं

पिछले कई वर्षों से हमारे देश में जो होता रहा है उसने सृजन-समुदाय को लगातार बेचैन किया हैः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता, सामाजिक समरसता पर संगठित प्रहार बहुत बढ़ गए हैं। राजनीति, धर्म और बाजार ने मिलकर, अपनी सभी मर्यादाएं छोड़कर, बेहद व्याप्ति अर्जित कर ली है। असहमति की जगह और अवसर सिकुड़ रहे हैं और पचास से अधिक वर्षों के परिपक्व लोकतंत्र में असहमति को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
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