फ्लोरिडा स्थित वॉल्ट डिज्नी वलर्ड में काम करने वाले अमेरिकी मूल के जिस सिख अमेरिकी कर्मचारी को उसके धार्मिक प्रतीकों के चलते मेहमानों के सामने काम करने से सात साल तक रोककर रखा गया था, उसे एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है। अब कंपनी उसके साथ किए जाने वाले अलगाव को खत्म करने और उसके धार्मिक मतों को स्वीकार करने के लिए राजी हो गई है।
धार्मिक वैमनस्य के चलते एक भारतीय व्यक्ति पर हमला कर उसे एक सबवे ट्रेन के सामने धक्का देकर मारने वाली अमेरिकी महिला (33) को 24 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
एक के बाद एक आप नेता विवादों में फंसते जा रहे हैं। जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री पर बवाल के बाद अब कुमार विश्वास को दिल्ली महिला आयोग ने समन भेजा है। पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनके और कुमार विश्वास के संबंधों को लेकर सोशल मीडिया में अफवाहें फैलाई जा रही है, जिससे उनकी बदनामी हो रही है। और उसका परिवार टूटने के कगार पर है। इस मामले की शिकायत महिला अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी कर चुकी है।
अमेरिकी कांग्रेस की ओर से गठित एक आयोग ने कहा है कि साल 2014 में भारत में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसक हमलों, जबरन धर्मांतरण और घर वापसी जैसे अभियानों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भारत सरकार ने इस पर कड़ा एेतराज जताते हुए इसे खारिज कर दिया है। लेकिन मोदी राज में विश्व मंच पर भारत की छवि चमकने के दावों को तगड़ा झटका लगा है।
उत्तराखंड के रामनगर में दो पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया गया है। हमले में स्वतंत्र पत्रकार और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव प्रभात ध्यानी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रभात को हद्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है। इस एप्लीकेशन के जरिये अब ग्राहक अपनी पसंदीदा ब्रांड की शराब की वैधता परख सकेंगे।
देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ एक लंबा भाषण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए एक राष्ट्रीय समारोह में अपने विचार व्यक्त किये।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसके खिलाफ आरोप पत्र के अभाव में 90 दिन से अधिक निलंबित नहीं रखा जा सकता क्योंकि ऐसे व्यक्ति को समाज के आक्षेपों और विभाग के उपहास का सामना करना पडता है।