Advertisement

Search Result : "आजादी का अमृत महोत्सव"

आजादी के अभिप्राय को सीमित करना शुरू कर रही है सरकार: थरूर

आजादी के अभिप्राय को सीमित करना शुरू कर रही है सरकार: थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि सरकार लोगों के बेडरूम, रसोई और डायनिंग रूम में तांक-झांक करके संविधान में उल्लेखित आजादी के अभिप्राय को सीमित करने की गंभीर शुरूआत कर रही है।
पहले जनजातीय महोत्सव का उद्घाटन करेंगे मोदी

पहले जनजातीय महोत्सव का उद्घाटन करेंगे मोदी

नई दिल्ली में पहला 4 दिनी राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव होने जा रहा है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस जनजातीय मेले में पूरे देश से लगभग 1600 जनजातीय कलाकारों और 8000 जनजातीय प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
सुदर्शन पटनायक अंतरराष्ट्रीय रेत-कला महोत्सव के बने ब्रांड एंबेसडर

सुदर्शन पटनायक अंतरराष्ट्रीय रेत-कला महोत्सव के बने ब्रांड एंबेसडर

अरसे से बालू से तेल निकालने का मुहावरा अक्सर परिश्रम और तकनीक से असंभव को संभव करने वालों के लिए कहा-सुना, लिखा-पढ़ा जाता रहा है। करीब ढाई दशक पहले एक ऐसे कलाकार का उदय हुआ, जिसने बालू को लेकर नया मुहावरा गढ़ दिया। और अब बालू की बात आते ही बुद्धिजीवी, खास कर कला-प्रेमियों के मस्तिष्क में जो नाम कौंधता है वह है सात समंदर पार तक प्रख्यात रेत-कलाकार सुदर्शन पटनायक का।
आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

आजाद हिंद फौज के आखिरी सिपाही डैनियल काले का निधन

आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

मार्कंडेय काटजू की नजर में अब गांधी फ्राड और पाखंडी

अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर वैचारिक हमला किया है। काटजू ने गांधी को फ्राड और पाखंडी बताया है। उन्‍होंने कहा है कि गांधी की वजह से देश को आजादी नहीं मिली है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? काटजू ने लिखा- जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।
मुंबई में रोड टू इस्तांबुल से होगी जागरण फिल्म महोत्सव की शुरूआत

मुंबई में रोड टू इस्तांबुल से होगी जागरण फिल्म महोत्सव की शुरूआत

जागरण फिल्म महोत्सव का सातवां संस्करण मुंबई पहुंचेगा जहां इसकी शुरूआत 26 सितंबर को अत्यधित प्रशंसित फिल्म रोड टू इस्तांबुल से होगी। इस दौरान हाल की लोकप्रिय भारतीय फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।
स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

स्वतंत्रता सेनानियों के लिए अच्छी खबर, पेंशन में 20 प्रतिशत का इजाफा

भारत सरकार ने देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन में करीब पांच हजार रूपये की वृद्धि की घोषणा की है। इस दायरे में अंडमान द्वीप में बनी सेल्युलर जेल में उस काल में कैद किए गए और ब्रिटिश शासन वाले भारत की सीमा से बाहर रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं।
'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

'इंडिया इन ए डे' में एक निरंतर परिवर्तनशील राष्ट्र की झलक

रिची मेहता की बेहद जीवंत और दिल को छू लेने वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया इन ए डे उन अनोखे नाम वाली फिल्मों में शुमार है जिन्हें 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया जाना है।
संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी : आंदोलनकारी समर्थन मांगने बागपत और मेरठ पहुंचे

बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे शीर्ष आंदोलनकारी भारत से आजादी की मुहिम के लिए समर्थन मांगने उप्र के बागपत और मेरठ पहुंचे हैं। दोनों जिलों में बलूचिस्तान मूल के लोगों से पाकिस्तान से मुक्ति दिलाने के लिए समर्थन के साथ हरसंभव मदद करने की अपील की। आंदोलनकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना की क्रूरता और दमन के खिलाफ भारत में भी जल्द अ¨हसात्मक आंदोलन शुरू किया जाएगा।लंबे अरसे से पाकिस्तान का अवैध कब्जा हटाकर स्वशासन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बलूचिस्तान के कई शीर्ष नेताओं ने बागपत और मेरठ के कई गांव में रह रहे बलूचियों से मुलाकात की और अपने पूर्वजों की निशानी देखी। बलूच नेताओं ने आजादी के संघर्ष और पाक की बर्बरता की दास्तां सुनाई तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement