केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज केरल की पी. विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि माकपा शासित केरल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद और बर्बरता को खुली छूट मिली है।
आईएसआईएस का जाल अब गुजरात तक फैलता जा रहा है। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस ने राजकोट और भावनगर से दो ऐसे युवकों को गिरफ्तार किया है, जो आईएस की आंतकी विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित होकर अपने हैंडलर्स के कहने पर गुजरात में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार हो चुके थे। यह दोनों सगे भाई हैं।
इस्लामी शिक्षा के बड़े संस्थान में उर्दू-अरबी और फारसी की पुरानी रचनाओं का होना कोई बडी बात नहीं। लेकिन इस्लाम से संबंधित पुस्तकों के जखीरे में संस्कृत में रचित ऋगवेद से लेकर रामायण व भगवत गीता को करीने से संजोकर रखा जाए तो यह काफी रोचक बात है। देवबंद के मशहूर इस्लामी शिक्षा केन्द्र दारूल उलूम में ये प्राचीन हिन्दू धार्मिक ग्रंथ कुरान समेत मजहबी इस्लामी शिक्षा से जुड़ी पुस्तकों के साथ प्रमुखता से उसके पुस्तक खजाने का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून के दायरे में लाकर उसके आतंकवाद से संबंध होने को मौन स्वीकृति दे दी है।
मध्यप्रदेश में आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जासूसी कांड में एटीएस की गिरफ्त में आए सतना के बलराम सिंह का विश्व हिन्दू परिषद से कनेक्शन सामने आया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन से जुड़ी परिस्थितियों की आज संसद में व्यापक जांच की मांग की गई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बजट पेश करने के लिए सरकार ने अहमद के निधन की खबर को दबाए रखा।
वित्त मंत्री भले ही दावा करें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून के तहत सालाना बजटीय आवंटन में 25 फीसदी की वृद्धि की गई है, मगर मजदूर–किसान संगठन इस दावे से सहमत नहीं हैं।
हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने से भारत प्रभावित नहीं है और उसने कहा है कि सईद के आतंकवादी संगठन समेत आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भरोसेमंद कार्रवाई से ही पाकिस्तान की गंभीरता साबित होगी क्योंकि 26 नवंबर के मुम्बई हमले के सूत्रधार के खिलाफ पहले भी इस तरह की कार्रवाई की जा चुकी है।
वैज्ञानिकों ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर फर्जी अकाउंटों के नेटवर्क का खुलासा किया है, जिनमें सबसे बड़े नेटवर्क में करीबन साढ़े तीन लाख प्रोफाइल हैं।
ओसामा बिन लादेन अपनी मौत से कुछ महीने पहले इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों और अलकायदा का प्रभाव कमजोर पड़ने को लेकर चिंतित था। सीआईए की ओर से आज जारी दस्तावेजों में यह बात कही गई है।