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Search Result : "आदिवासी धर्म कोड"

नंदिनी के खिलाफ कार्रवाई से पहले उन्हें नोटिस दे छत्तीसगढ़ सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नंदिनी के खिलाफ कार्रवाई से पहले उन्हें नोटिस दे छत्तीसगढ़ सरकार: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य में एक आदिवासी व्यक्ति की कथित हत्या से जुड़े मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर और अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से पहले उन्हें चार हफ्तों का अग्रिम नोटिस दे।
तालीम की ही चाबी से खुलेंगे तरक्की के ताले

तालीम की ही चाबी से खुलेंगे तरक्की के ताले

यूनिफॉर्म सिविल कोड और तीन तलाक पर हर दिन टेलीविजन और सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी है। एक तबका तर्क दे रहा है कि तीन तलाक ही मुसलमान औरतों के पिछड़ेपन की वजह है। कुल मिलाकर मुसलमान औरतों के हुकूक के सिलसिले में बहस-मुबाहसे तीन तलाक तक सीमित हो गए हैं। जबकि तरञ्चकी के पायदान पर उनके आखिरी कतार में खड़े होने की असल वजह उनकी कम तालीम है।
छत्तीसगढ़: आदिवासी हत्या मामले में डीयू और जेएनयू के प्रोफेसर पर मामला दर्ज

छत्तीसगढ़: आदिवासी हत्या मामले में डीयू और जेएनयू के प्रोफेसर पर मामला दर्ज

छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित सुकमा जिले में एक आदिवासी ग्रामीण की हत्या के आरोप में जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय की एक-एक प्रोफेसर के साथ कुछ माओवादियों और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने साफ कहा है कि भारत उनका घर है और उनके पास अपना शेष जीवन निर्वासन में बिताने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं से समर्थन की मांग

तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं से समर्थन की मांग

‘हम मुस्लिम समुदाय के सामान्य नागरिक, कलाकार,बुद्धिजीवि, लेखक और कवि इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि भारत में मुस्लिम समुदाय विभिन्नताओं , मत-मतांतरों और विषमताओं से भरा है। मुसलमानों का की भी एक संगठन या जन समूह पूरे समुदाय की तरफ से बोलने का दावा नहीं कर सकता है।’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब में तीन तलाक, यूनुफॉर्म सिविल कोड और समानता के लिए महिलाओं का संघर्ष विषय पर आयोजित गोष्ठी में यह बात सामने आई। यह गोष्ठी एडवा, अनहद और शिक्षा की ओर से आयोजित की गई थी।
पीएम ने आदिवासियों का अधिकार छीनने वालों के खिलाफ दी कार्रवाई की चेतावनी

पीएम ने आदिवासियों का अधिकार छीनने वालों के खिलाफ दी कार्रवाई की चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वनों के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन वहां रहने वाले आदिवासियों की कीमत पर नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने उन लोगों के अधिकार छीनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
झारखंड में केंद्रीय योजनाओं के पैसे का धर्मांतरण में हो रहा इस्तेमाल

झारखंड में केंद्रीय योजनाओं के पैसे का धर्मांतरण में हो रहा इस्तेमाल

फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत मिलने वाले विदेशी फंड का बड़ा हिस्सा झारखंड में धर्मांतरण कराने में उपयोग किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षो में झारखंड में धार्मिक संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूलों को 3.10 अरब रुपये दान में मिले हैं। विशेष शाखा ने यह रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराई है। इसमें विदेशी फंड का उपयोग जबरन धर्म परिवर्तन के लिए किए जाने की आशंका जताई गई है। इसकी सीआइडी से जांच कराने की अनुशंसा की गई है।
नजमा बोलीं, तीन तलाक की हो रही गैर इस्‍लामी व्‍याख्‍या

नजमा बोलीं, तीन तलाक की हो रही गैर इस्‍लामी व्‍याख्‍या

मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कहा है कि देश में कुछ तबको के द्वारा तीन तलाक परंपरा की गैर इस्लामी व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम असमानता का धर्म नहीं हैै। उन्‍होंने कहा कि 'तीन तलाक' (लगातार तीन बार तलाक बोल कर वैवाहिक संबंध तोड़ना) की परंपरा की व्याख्या सही ढंग से नहीं की जा रही है। नजमा के अनुसार इस्‍लाम में एक बार में तीन तलाक की कोई संकल्‍पना नहीं है।
‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

‘सरहद संभलती नहीं,अंदरूनी जंग की तैयारी कर रही सरकार’

यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
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