Advertisement

Search Result : "आय कैन नॉट गिव यू माय फॉरेस्ट"

फिल्म समीक्षा: सपनों की लिपस्टिक

फिल्म समीक्षा: सपनों की लिपस्टिक

लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की चर्चा लंबे समय से थी। इसमें फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने इस फिल्म में इतने कट सुझाए थे कि फिल्म की रील छलनी की तरह ही निकल कर आती।
नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

मॉब लिचिंग के खिलाफ देशभर में बुधवार को प्रदर्शन हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, सहित फिल्मी जगत के लोगों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का पुरजोर विरोध किया। साथ ही मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग रखी।
नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

नॉट इन माई नेम: मॉब लिचिंग के खिलाफ देश-विदेश में प्रदर्शन, हिंसा के विरोध में जुटेंगे लोग

देश भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में देश-विदेश में कई जगहों पर लोग 28 जून को प्रदर्शन करेंगे।
क्या सच में CBFC का मजाक उड़ा रहा है ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ का पोस्टर?

क्या सच में CBFC का मजाक उड़ा रहा है ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ का पोस्टर?

जिस स्त्री अस्मिता की लड़ाई लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की टीम लड़ रही है, उसी अस्मिता की धज्जियां उनकी फिल्म के पोस्टर ने उड़ा दी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का के पोस्टर में स्त्रियों के लिए अपमानजनक, भद्दा इशारा ‘मिडिल फिंगर’ दर्शाया गया है। फिंगर को पोस्टर में लिपस्टिक का रूप देकर रचनात्मकता पैदा करने की कोशिश की गई है इसका मूल पुरुषों द्वारा गाली के रूप में इस्तेमाल किया गया इशारा ही है इसे स्त्रियों के लिए झंडा बुलंद करने वाली फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव को नहीं भूलना चाहिए।
सेंसर के ‘बुर्के’ से निकल गई लिपस्टिक

सेंसर के ‘बुर्के’ से निकल गई लिपस्टिक

लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement