नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग करने वाले उत्तरी राज्यों से जाट समुदाय के हजारों सदस्य हरियाणा में जारी आंदोलन को समर्थन देने के लिए आज दिल्ली पहुंचे और जंतर-मंतर पर धरना दिया। साथ ही आंदोलनकारियों ने 13 मार्च से असहयोग आंदोलन की भी घोषणा की है।
जाट आरक्षण को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जींद के गांव ईक्कस और पलवल में तीसरे दिन भी जारी रहा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्यों ने खाप चौधरियों तथा जाट मंत्रिायों पर जमकर निशाना साधा।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने भारतीय जनता पार्टी भाजपा पर आरक्षण-विरोधी मानसिकता के तहत काम करने तथा इस मामले में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए जाट संगठनों के सदस्यों ने हरियाणा के ज्यादातर जिलों में आज अपना आंदोलन शुरू किया। ताजा आंदोलन का आह्वान कुछ जाट संगठनों की ओर से किया गया है, इनमें विशेष रूप से यशपाल मलिक के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े लोग शामिल हैं।
हरियाणा में जाटों द्वारा 29 जनवरी से प्रस्तावित आरक्षण आंदोलन के नए दौर के बीच, राज्य सरकार ने आज प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कानून व्यवस्था कायम रहे तथा दिल्ली की पेयजल आपूर्ति जैसे सभी प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदुओं को सुरक्षा उपलब्ध हो।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता एम.जी. वैद्य सहित अपने नेताओं के पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणियों को कारण विभिन्न वर्गों के निशाने पर आए आरएसएस ने आज इन विचारों से दूरी बनाते हुए कहा कि वह वैद्य के निजी विचारों से सहमत नहीं है।
भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आरक्षण पर आरएसएस के प्रचार प्रमुख के विवादास्पद बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और पूछा कि ऐसे बयान चुनावों के दौरान क्यों दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का बयान बिहार चुनावों में राजग को महंगा साबित हुआ था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संघ ने आरक्षण को खत्म करने की वकालत करके पिछड़ों को एकजुट होने का मौका दे दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरक्षण के मसले ने भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। कुछ उसी तरह का हाल उत्तर प्रदेश में न हो जाए इसको लेकर भाजपा के कई नेता नाराज भी बताए जा रहे है।
दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी संभावनाएं तलाशने वाली और आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछडे़ वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं।