रघुराम राजन ने कहा कि कालाधन रखने वालों ने इस फैसले का फायदा उठाते हुए अपना सारा पैसा बैंकों में जमाकर सफेद कर लिया। उन्होंने कहा कि पहले यह पैसा उनकी तिजोरियों में यूं ही पड़ा हुआ था अब उस पैसे पर उन्हें बैंक से ब्याज भी मिलने लगा है।
आरबीआई ने एक संसदीय समिति को जानकारी दी है कि उसे यह नहीं पता है कि 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के बाद कितनी बेहिसाबी नकदी को वैध धन में बदला गया है।
30 और 31 अगस्त के सरकारी आंकड़े आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए कई सवाल लेकर आये हैं और यह सवाल नोटबंदी से जुड़े हैं जिन पर सरकार और रिजर्व बैंक को सफाई देनी चाहिए।