बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान ने आज अपने 52वें जन्मदिन पर कहा कि वह राजनीति में कभी नहीं आएंगे, लेकिन जरूरी मुद्दों पर अपनी राय हमेशा रखते रहेंगे।
फिल्म निर्माता कबीर खान ने दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर के साथ किए जा रहे व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग सोशल मीडिया पर जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं, वह दु:खद है।
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का पर फिल्म प्रमाणन बोर्ड के इनकार के बाद बयानबाजी का दौर चल पड़ा है। फरहान अख्तर, कबीर खान, नीरज घायवान, सुधीर मिश्रा, रेणुका शहाणे जैसे सितारे इस फिल्म के पक्ष में आ गए हैं। लेकिन इसी मसले पर शाहरुख खान ने चुप्पी साध ली है।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।
बांग्लादेश में प्रतिबंधित फिल्म दूब नो बेड ऑफ रोजेज में भारतीय कलाकार इरफान खान काम कर रहे हैं। यह फिल्म 31 मार्च को आएगी। इरफान खान इस फिल्म का पोस्टर जारी किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन से जुड़ी परिस्थितियों की आज संसद में व्यापक जांच की मांग की गई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बजट पेश करने के लिए सरकार ने अहमद के निधन की खबर को दबाए रखा।
मशहूर सितार एवं सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान ने पद्मश्री पुरस्कार ठुकरा दिया क्योंकि यह उन्हें बहुत देर से दिया जा रहा और उनकी विश्वव्यापी शोहरत और योगदान के अनुरूप नहीं है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेेता ई. अहमद का दिल का दौरा पड़ने के बाद देर रात निधन हो गया। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अहमद के निधन की पुष्टि की है। वह 78 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आईयूएमएल सांसद ई. अहमद के निधन पर शोक जताया। पीएम और राष्ट्रपति ने देश की भूमिका में सांसद ई. अहमद के योगदान को याद किया और कहा कि उन्होंने देश की अथक सेवा की।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन के बाद भी केंद्रीय बजट पेश किये जाने के सरकार के रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस खबर को जारी करने में देरी की गयी ताकि बिना किसी अवरोध के बजट पेश किया जा सके।