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प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

प्रचार के भूखे सिद्धार्थ मल्होत्रा

कपूर एंड सन्स के अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपनी आने वाली फिल्म बार बार देखो की शूटिंग पूरी कर ली है। इस फिल्म में वह कैटरीना कैफ के साथ नजर आएंगे।
पोस्टर पर देखिए कपूर एंड संस को

पोस्टर पर देखिए कपूर एंड संस को

करण जौहर की आने वाली फिल्म कपूर एंड संस की चर्चा जोरो पर है। फिलहाल करण ने पोस्टर दिखा कर दर्शकों को अपनी फिल्म देखने का न्योता दे डाला है।
विधि आयोग का स्‍थायी विधान ठंडे बस्ते में

विधि आयोग का स्‍थायी विधान ठंडे बस्ते में

विधि आयोग को एक स्थायी संस्था का रूप देने के प्रस्ताव को फिलहाल सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है और हर तीन साल पर पुनर्गठन की मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने का फैसला किया है।
महत्वकांक्षाओं में उलझे ब्रदर्स

महत्वकांक्षाओं में उलझे ब्रदर्स

अक्षय कुमार बॉक्स ऑफिस के पावर हाउस हैं तो सिद्धार्थ मल्होत्रा भविष्य के सितारे। और जैकी श्रॉफ तो हैं ही दमखम दिखाने वाले। निर्देशक करण मल्होत्रा की ब्रदर्स में इन सभी सितारों को उनकी भूमिका निभाने का पर्याप्त मौका मिला है।
नच बलिए सीजन 7 हिमांशु-अमृता  के नाम

नच बलिए सीजन 7 हिमांशु-अमृता के नाम

डांस रियलिटी शो नच बलिए के सातवें संस्करण में पूरे दौर में शानदार नृत्य दिखा कर निर्णायकों सहित दर्शकों का दिल जीतने वाली जोड़ी हिमांशु मल्होत्रा और अमृता खानवलकर विजेता घोषित किए गए हैं। टेलीविजन की दुनिया के सितारे हिमांशु और अमृता ने हाल ही में शादी की है।
फिल्‍म समीक्षा: सलमान ने दी दर्शकों को ईदी

फिल्‍म समीक्षा: सलमान ने दी दर्शकों को ईदी

सलमान खान के प्रशंसकों से कभी मत पूछिए कि उनकी फिल्म कैसी थी। क्योंकि उनके लिए सलमान की फिल्म निष्ठा का प्रश्न ज्यादा होती हैं। इस बार ईद का सबसे पड़ा तोहफा बजरंगी भाईजान है। इस फिल्म में भी कमियां निकालना चाहें तो ढेर मिल जाएंगी। पर फिलहाल तो ध्यान इसी पर केंद्रित रखिए कि निर्माता (सलमान खान और राकलाइन वेंकटेश) के खाते में एक के आगे कितने शून्य जमा होंगे। मनमोहन देसाई मार्का यह फिल्म दर्शक बटोरेगी या नहीं यह तो प्रश्न ही बेमानी है।
आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
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