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Search Result : "इतिहास और सिनेमा"

आईपीएल इतिहास के न्यूनतम स्कोर पर ढेर कोहली की टीम, केकेआर की जीती

आईपीएल इतिहास के न्यूनतम स्कोर पर ढेर कोहली की टीम, केकेआर की जीती

दिग्गजों खिलाड़ियोंं से सजी रॉयल चैलैंजर्स बैंगलोर की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स की धारदार गेंदबाजी के सामने सिर्फ 49 रनों पर ढेर हो गई। इंडियन प्रीमियर लीग के 27वें मुकाबले में आरसीबी का यह लचर प्रदर्शन एक नया रिकॉर्ड है।
रीगल में देखनी हो फिल्म तो कल आखिरी मौका

रीगल में देखनी हो फिल्म तो कल आखिरी मौका

आठ दशक लंबे स्वर्णिम दौर के बाद दिल्ली का प्रतिष्ठित सिनेमाघर रीगल कल बंद हो जाएगा। इसमें दिखाई जाने वाली अंतिम फिल्म होगी अभिनेता राजकपूर की मेरा नाम जोकर और संगम। मध्य दिल्ली के कॅनाट प्लेस में स्थित रीगल के वास्तुकार थे वाल्टर स्काइज जॉर्ज। इसे वर्ष 1932 में खोला गया था। सिनेमाघर के मालिकों में से एक विशाल चौधरी ने बताया कि प्रशंसकों के अनुरोध के बाद ही उन्होंने राजकपूर की फिल्में दिखाने का निर्णय लिया।
आलोक तोमर की याद में उभ्‍ारी देश्‍ा में ‘बदलाव की इबारत’ पर चिंता

आलोक तोमर की याद में उभ्‍ारी देश्‍ा में ‘बदलाव की इबारत’ पर चिंता

‘कैसी होगी भारत में हो रहे बदलाव की नई इबारत?’ धर्मनिरपेक्ष बुद्धिजीवियों की यह चिंता नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के एक कार्यक्रम में उभर कर आई।
स्मृति उपवन में शपथ ग्रहणः एक और इतिहास रचने को अग्रसर भाजपा

स्मृति उपवन में शपथ ग्रहणः एक और इतिहास रचने को अग्रसर भाजपा

उत्तर प्रदेश चुनावों में चौंकाने वाले परिणाम लाने वाली और मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में भी अब तक इसी तरह का संदेश देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने शपथ ग्रहण स्‍थल को ले कर भी कुछ इसी तरह का निर्णय लिया है। रविवार, 19 मार्च को प्रस्तावित सूबे की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह परंपरा से हट कर लखनऊ के स्मृतिउपवन में होने जा रहा है। अटकल तो यह भी लगाई जा रही कि तारीख 19 रखना भी कहीं न कहीं 2019 की फतेह का संकेत है।
समारोह में हुई गड़बड़ी ऑस्कर के इतिहास का शर्मनाक क्षण : ट्रंप

समारोह में हुई गड़बड़ी ऑस्कर के इतिहास का शर्मनाक क्षण : ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ऑस्कर समारोह के आखिर में हुई गड़बड़ी एक सुचारू कार्यक्रम के आयोजन पर ध्यान लगाने के बजाय उन्हें लेकर हॉलीवुड के मनोग्रस्त होने के कारण हुई।
अनुवाद इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है-सीतांशु यशश्चंद्र

अनुवाद इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है-सीतांशु यशश्चंद्र

कल छह दिवसीय साहित्योत्सव के अंतिम दिन ‘अनुवाद पुनर्कथन के रूप में’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन वक्तव्य में प्रख्यात गुजराती लेखक सीतांशु यशश्चंद्र ने कहा कि कृष्ण कथा और राम कथा का हमारे देश में कई भाषाओं में अनूदित हो रोचक पुनर्कथन हुआ है, और यह आधुनिक भाषाओं में भी हो रहा है। यह इतिहास को वर्तमान से जोड़ने का बड़ा प्रयास है। उन्होंने अनुवाद प्रक्रिया में आने वाले बिखराव फैलाव और छाया अनुवाद की चर्चा करते हुए संस्कृत/प्राकृत/पालि/हिंदी/गुजराती आदि के अनुवादों से कई उदाहरण दिए।
फिल्मों में राष्‍ट्रगान बजने पर दर्शकों को खड़े होने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

फिल्मों में राष्‍ट्रगान बजने पर दर्शकों को खड़े होने की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसी फिल्म, वृत्त चित्र या समाचार फिल्म की कहानी के हिस्से के रूप में राष्‍ट्रगान बजने के दौरान दर्शकों को खड़ा होने की जरूरत नहीं है।
भारत ने लगातार 19 वां टेस्‍ट जीता, विराट ने रचा इतिहास

भारत ने लगातार 19 वां टेस्‍ट जीता, विराट ने रचा इतिहास

भारतीय गेंदबाजों ने सपाट पिच पर जबर्दस्त धैर्य का परिचय देते हुए एकमात्र क्रिकेट टेस्ट में बांग्लादेश को 208 रन से हराया जिससे टीम का अजेय अभियान 19 टेस्ट तक पहुंच गया।
उपहार सिनेमा हादसा: 20 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 59 लोगों की मौत में गोपाल अंसल को एक साल की सजा

उपहार सिनेमा हादसा: 20 साल बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 59 लोगों की मौत में गोपाल अंसल को एक साल की सजा

दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे में सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल को एक साल की जेल की सजा सुनाई है। उनके पास सरेंडर करने के लिए चार हफ्ते का वक्त है। एक साल की जेल के वक्त में से गोपाल चार महीने की जेल पहले ही काट चुका है। गोपाल के भाई सुशील अंसल को उनकी उम्र की वजह से जेल नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला नवंबर 2015 में दिए गए फैसले पर डाली गई रिव्यू पिटिशन की सुनवाई करते हुए दिया है।
बोधिसत्व फिल्म समारोह में जुटेगा देश-विदेश का सिनेमा

बोधिसत्व फिल्म समारोह में जुटेगा देश-विदेश का सिनेमा

फिल्मों को कला के साथ-साथ संप्रेषण के माध्यम के तौर देखे जाने के प्रति दर्शकों की स्वीकार्यता ने हाल के बरसों में ढेरों फिल्म-समारोहों को भी जन्म दिया है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में भारत के विभिन्न शहरों में किस्म-किस्म के फिल्मोत्सवों की शुरूआत हुई है जिनमें से काफी सारे समारोह खासा नाम भी कमा चुके हैं।
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