ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित इस्राइल यात्रा 1992 में शुरू हुई लंबी प्रक्रिया की तार्किक परिणति है, लेकिन ऐसे वक्त में हो रही है जब थोड़ा संतुलन साधने की जरूरत है।
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने मंगलवार को यहां एनपीटी समीक्षा सम्मेलन में कहा, परमाणु हथियार संपन्न देशों ने अपने परमाणु हथियारों को समाप्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं की है।
दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी और इस्लामिक एस्टेट का मुखिया अबू बक्र अलबगदादी की मौत के बाद नए सरगना की तलाश तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि आईएस ने फिजिक्स के पूर्व प्रोफेसर अबू अला आफरी को तात्कालिक तौर पर नेता चुन लिया गया है।
ईरान रेडियो ने दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ ईरान एंड द लेवैंट के मुखिया (आईएसआईएस) अबू बकर अल बगदादी की मौत हो गई है। ऑल इंडिया रेडियो ( एआईआर ) ने भी बगदादी की मौत के बारे में ट्वीट किया है। हालांकि यह ट्वीट भी ईरान रेडियो द्वारा दी गई खबर के आधार पर है।
अमेरिका और उसके मित्र पश्चिमी देशों तथा ईरान के बीच परमाणु फ्रेमवर्क करार के रूप में संबंधों की बर्फ पिघलने का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले ज्यादा फुर्तीला कूटनीतिक फुटवर्क दिखाया है।