सीरिया में हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिका ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई हमले शुरु कर दिए हैं। अमेरिका सीरियाई सरकार के हवाई ठिकानों पर 60 से ज्यादा मिसाइलें दाग चुका है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 देशों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संघर्ष को टालने की कोशिश करते हुए एक समझौता प्रस्ताव वितरित किया। यह प्रस्ताव सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले की पूर्ण जांच की मांग करने को लेकर दिया गया।
सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले को निंदनीय बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस तरह के कृत्य ओबामा प्रशासन की कमियों का परिणाम हैं। इस हमले में 58 लोगों की मौत हो गई है।
सीरिया और इराक से बारूदी सुरंगों, देसी बमों और अन्य जिंदा बमों का सफाया करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इसके लिए लगभघ 40 से 50 वर्ष का समय लगेगा, तब जाकर सीरिया और इराक से जिंदा बमों का सफाया संभव हो सकेगा।
उत्तरी सीरिया के एक गांव में स्थित मस्जिद पर हुए हवाई हमलों में 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 से अधिक लोग घायल हो गए। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने इस खबर की जानकारी दी।
सीरिया के शहर अल-बाब के पास आज एक आत्मघाती बम हमलावर ने हमला किया जिसमें 42 लोगों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में अधिकतर विद्रोही थे। कुछ ही घंटे पहले इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी ली है।
दमिश्क के पास सीरिया सरकार की एक कुख्यात जेल में पिछले पांच वर्षों में करीब 13,000 लोगों को फांसी दी गई। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यह जानकारी देते हुए शासन पर तबाही की नीति अपनाने का आरोप लगाया।एमनेस्टी की यूमन स्लाॅटरहाउस: मास हैंगिंग एंड एक्सटरमिनेशन एट सैदनाया प्रीजन शीर्षक वाली रिपोर्ट सुरक्षाकर्मियों, बंदियों और न्यायाधीशों सहित 84 प्रत्यक्षदर्शियों के साक्षात्कारों पर आधारित है।
अमेरिका के बाद अब कुवैत ने आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान सहित पांच मुस्लिम देशों के नागरिकों के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया भी तत्काल प्रभाव से रोक दी है। पाकिस्तान के अतिरिक्त जिन देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध लगा है उनमें अफगानिस्तान, ईरान, इराक और सीरिया हैं।
शपथ लेने के हफ्ते भर के भीतर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा निर्णय लेते हुए सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी। यह पाबंदी फिलहाल 90 दिनों के लिए लगाई गई है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सऊदी अरब को निगरानी सूची में डाला गया है।