पाकिस्तान ने दावा किया कि अगर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले राष्ट्रों को सदस्यता देने के लिए समान पात्रता पर सहमति बनती है तो उसकी विश्वसनीयता भारत से ज्यादा मजबूत है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य, पत्रकारिता और संचार में अपनी तरह का पहला ‘महत्वपूर्ण मूल्यांकन कौशल पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र आज भारतीय जनसंचार संस्थान के द्वारा 40 युवा मीडिया पेशेवरों को दिया गया।
महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर 400 साल से जारी प्रतिबंध के खत्म होने के बाद पूजा अर्चना करने के लिए आज सुबह से ही मंदिर में पुरूषों और महिलाओं की लंबी कतारे देखने को मिलीं। शनिवार को शनि भगवान की विशेष पूजा की परंपरा है।
अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
मौजूदा सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में समान सिविल कोड लाने की बात कही गई। इसके चलते इस कोड का जिक्र बार-बार उठता है। लेकिन समान सिविल कोड को लाने की बात करने वालों के असल इरादे कोई नहीं जानता! भारतीय जनता पार्टी या फिर उनकी सरकार ने कभी स्पष्ट भी नहीं किया कि इस कोड के क्या प्रावधान होंगे, इसमें कौन-कौन सी धाराएं इत्यादि शामिल होंगी, किस धर्म के आधार पर समान सिविल कोड के प्रावधान तय कि ए जाएंगे।
भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
यदि आप बिहार में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी हैं, तब भी आप पुलिस मुख्यालय की ताकतवर जातीय लॉबियों, नेताओं और उनके गुर्गों के उत्पीड़न से नहीं बच सकते।
न्यायपालिका को धारणा आधारित फैसले देने से बचने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि यहां स्व मूल्यांकन का आंतरिक तंत्र होना चाहिए क्योंकि न्यायाधीशों को पवित्र माना जाता है और राजनीतिक वर्ग की तरह उसे शायद ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है।