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दल से पहले देश की चिंता

दल से पहले देश की चिंता

जेएनयू में वामपंथ का गहरा प्रभाव रहा है। यहां वैकल्पिक विचारधारा को वैधानिक, नैतिक स्थान नहीं दिया गया। इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सभी अवशेष-माओवाद से लेकर ट्राटस्कीवाद तक मिल जाएंगे।
जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जेएनयू एबीवीपी में फूट, 3 पदाधिकारियों का इस्‍तीफा

जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) में कथि‍त देशविरोधी नारेबाजी के मामले में एक नया मोड़ आया है। जेएनयू के खिलाफ चल रही मुहिम को लेकर आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भीतर भी विरोध के स्‍वर उठने लगे हैं। जेएनयू की एबीवीपी इकाई के तीन पदाधिकारियों ने राष्‍ट्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी, कन्‍हैया कुमार पर हमले और विश्‍वविद्यालय की छवि खराब करने का विरोध करते हुए संगठन से इस्‍तीफा दे दिया है।
डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

डीयू पहुंची जेएनयू की लहर, प्रदर्शन के दौरान झड़प

दिल्ली विश्वविद्यालय आज छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपने समकक्ष छात्रों का समर्थन कर रहे छात्रों के एक समूह के बीच झड़प का गवाह बना। यह समूह देशद्रोह के मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन कर रहा था।
क्या एबीवीपी सदस्यों ने लगाए थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे?

क्या एबीवीपी सदस्यों ने लगाए थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे?

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम पर पैदा हुए विवाद के तूल पकड़ने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब साझा किया जा रहा है जिसमें कथित तौर पर आरएसएस-भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते दिख रहे हैं।
‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

‘विचार एबीवीपी से न मिलें तो देशद्रोही हो गए क्या?’

हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के संदर्भ में बात करें तो इस वक्त केंद्रीय संसाधन मंत्रालय द्वारा विश्वविद्लायों में एक विचारधारा थोपने की बात चल रही है। रोहित का लेना-देना सिर्फ हैदराबाद विश्वविद्लाय या वहां के प्रशासन मात्र से नहीं है बल्कि एक बड़े मसले से है। देश की विश्वविद्यालय व्यवस्था में इस समय वैचारिक हस्तक्षेप चल रहा है। वहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। देखा जाए तो जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है तब से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सोचने लगी है कि कानून उनकी जेब में है।
अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

अमित शाह ने मोदी को दिया डीयू व जेएनयू की कामयाबी का श्रेय

दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मिली सफलता से उत्साहित होते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इन सफलताओं का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
जेएनयू छात्रसंघ: लेफ्ट का दबदबा लेकिन एबीवीपी की वापसी

जेएनयू छात्रसंघ: लेफ्ट का दबदबा लेकिन एबीवीपी की वापसी

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में वामपंथियों का दबदबा इस बार भी कायम रहा है। पहली बार अध्‍यक्ष पद पर सीपीआई समर्थित ऑल इंडिया स्‍टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) का उम्‍मीदवार जीता है लेकिन 14 साल बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) भी जेएनयूएसयू सेंट्रल पैनल में वापसी करने में कामयाब रही। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में सभी सीटों पर जीतने वाली एबीवीपी के लिए यह एक बड़ी सफलता है। हालांकि, जेएनयू अभी भी लेफ्ट का गढ़ है लेकिन एबीवीपी का असर बढ़ रहा है।