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खुले बाजार की रसोई गैस 61.50 रुपये महंगी, एटीएफ 1.2% सस्‍ता

खुले बाजार की रसोई गैस 61.50 रुपये महंगी, एटीएफ 1.2% सस्‍ता

पिछले कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्यों में जारी कटौती को देखते हुए लगातार तीसरी बार विमान ईंधन यानी एटीएफ के मूल्यों में फिर से 1.2 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं खुले बाजार में बिकने वाली रसोई गैस (एलपीजी) के प्रति सिलेंडर मूल्य में 61.50 रुपये की वृद्धि की गई है।
कार, क्रेडिट कार्ड वालों से छिन सकती है एलपीजी सब्सिडी

कार, क्रेडिट कार्ड वालों से छिन सकती है एलपीजी सब्सिडी

अभी तक जनता से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील करने वाली मोदी सरकार जल्‍द ही आबादी के एक बड़े वर्ग को इससे वंचित कर सकती है। सालाना 10 लाख रुपये से ज्‍यादा कमाई करने वाले लोगों के अलावा लग्जरी कार और क्रेडिट कार्ड का अधिक इस्‍तेमाल करने वालों को भी एलपीजी सब्सिडी से हाथ छोना पड़ सकता है।
बिना सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम 27.50 रुपये बढ़े

बिना सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम 27.50 रुपये बढ़े

विमान ईंधन के मूल्य में मामूली रूप से कटौती की गई है जबकि बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमत में 27.50 रपये वृद्धि की गई है। दामों में बदलाव वैश्विक रुख के अनुरूप है।
किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

किसी नई योजना के लिए अनिवार्य नहीं होगा आधार कार्ड

आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
सब्सिडी रहित रसोई गैस का दाम 7.5 प्रतिशत घटा

सब्सिडी रहित रसोई गैस का दाम 7.5 प्रतिशत घटा

प्राकृतिक गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमत में गिरावट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने भी सब्सिडी रहित रसोई गैस के मूल्य में 7.5 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। इस लिहाज से दिल्ली में पहले 559.50 रुपये पर मिल रहा गैस सिलेंडर (14.2 किलो) आज से 517.50 रुपये में बिकेगा।
केरोसिन सब्सिडी 12 रुपये लीटर, एलपीजी सब्सिडी 18 रुपये किलो तय

केरोसिन सब्सिडी 12 रुपये लीटर, एलपीजी सब्सिडी 18 रुपये किलो तय

सरकार ने केरोसिन पर सब्सिडी भुगतान 12 रुपये प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर पर 18 रुपये प्रति किलो तय की है। यह बात सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही।
क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
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