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Search Result : "कंपनियों के शेयर"

इन्फोसिस का मुनाफा 13 प्रतिशत बढ़ा, शेयर में गिरावट

इन्फोसिस का मुनाफा 13 प्रतिशत बढ़ा, शेयर में गिरावट

भारत की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इन्फोसिस का मुनाफा नए ग्राहकों की संख्या बढ़ने से जून में समाप्त तिमाही के दौरान 13 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन कंपनी के सालाना कारोबार वृद्धि के अनुमान में कटौती से इसके शेयर में गिरावट देखी गई।
इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स पर देश भर में छापे, शेयर धड़ाम

इंडियाबुल्स ग्रुप पर आयकर विभाग का बड़ा छापा पड़ा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक देशभर में ग्रुप के प्रोमोटरों और दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं।अलग-अलग जगहों पर जारी छापों में विभाग के करीब 1000 अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ग्रुप के प्रोमोटरों के बीच हुए बंटवारे को लेकर गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इसी वजह से यह छापे पड़ रहे हैं।
एच-1बी वीजा: अमेरिका ने दिया भारतीय आईटी कंपनियों झटका

एच-1बी वीजा: अमेरिका ने दिया भारतीय आईटी कंपनियों झटका

अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने प्रतिनिधि सभा में एच-1 बी वीजा और एल1 वीजा पर रोक लगाने की मांग वाला विधेयक पेश किया है। विधेयक में एच-1 बी वीजा और एल1 वीजा के आधार पर भारतीय कंपनियों द्वारा नियुक्ति दिए जाने पर प्रतिबंध की मांग की है। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसदों द्वारा पेश 'एच-1बी और एल-1 वीजा सुधार विधेयक' पारित हो जाने की स्थिति में भारतीय कंपनियों पर एच-1बी वीजा पर 50 से अधिक कर्मचारियों से या फिर 50 फीसद से ज्यादा लोगों को नियुक्त करने पर रोक होगी। एजेंसी
एक्सक्लूसिव- चिटफंड कंपनियों पर नजरदारी के लिए नई खुफिया एजेंसी

एक्सक्लूसिव- चिटफंड कंपनियों पर नजरदारी के लिए नई खुफिया एजेंसी

लुटने के बाद जांच-पड़ताल की जगह अब घोटाला न हो, इसके लिए नजरदारी के इंतजाम किए जा रहे हैं। सारधा जैसी चिटफंड कंपनियों को अंकुरित होने के पहले ही खत्म किया जा सके- इसके लिए अलग से एक खुफिया एजेंसी बनाने की तैयारी कर रही है भारत सरकार। इस एजेंसी का मुख्य काम होगा- अगर कोई फ्रॉड कंपनी मोटे ब्याज और मुनाफे का लालच देकर निवेश कराती है, तो उसकी जानकारी तुरंत ही शीर्षस्थ स्तर तक पहुंचे और कार्रवाई हो सके। यह एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मातहत काम करेगी।
दो साल तक यूरोपीय यूनियन से बंधा रहेगा इंग्लैंड

दो साल तक यूरोपीय यूनियन से बंधा रहेगा इंग्लैंड

यूरोपीय यूनियन से अलग होने के लिए इंग्लैंड में कराए गए जनमत संग्रह के कई प्रभाव दिखने लगे हैं। दुनिया भर में शेयर मार्केट लुढ़क रहे हैं। वैश्विकरण की चूलें हिलने की बातें उठ रही हैं। लेकिन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पब्लिक लॉ के प्रोफेसर और हाउस ऑफ लॉड्सर् में संविधान पर स्थाई समिति के कानून सलाहकार मार्क इलियट के अनुसार, तकनीकी तौर पर अगले दो साल तक इंग्लैंड और यूरोपीय यूनियन की स्थितियों में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
ब्रेक्जिट से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ समय तक अनिश्चितता : नास्कॉम

ब्रेक्जिट से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ समय तक अनिश्चितता : नास्कॉम

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से देश के 108 अरब डालर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग को कुछ समय के लिए अनिश्चितता की स्थिति से जूझना पड़ सकता है।
डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

डीआरडीओ विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा को तैयार : महानिदेशक

रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर सकते हैं केजरीवाल

अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर सकते हैं केजरीवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली अंबानी समूह की बिजली वितरण कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार उनका लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है।
महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

महाकालेश्वर मंदिर में दान किये जा सकेंगे शेयर

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
चीन सबसे बड़ा उल्लंघन कर्ता देश: ट्रंप

चीन सबसे बड़ा उल्लंघन कर्ता देश: ट्रंप

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया है कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता देश है क्योंकि वह अमेरिका में अपने सामान भर रहा है, बौद्धिक संपदा चुरा रहा है और अपने यहां कारोबार कर रही अमेरिकी कंपनियों पर भारी-भरकम कर लगा रहा है।
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