किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग में हुई किसानों की मौत का ठीकरा सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर फोड़ा है। शिवराज सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस का सुनियोजित प्रयास था।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों की हड़ताल ने छठवें दिन हिंसक रूप ले लिया है। किसानों पर पुलिस की फायरिंग ने कई किसानों को मौत के घाट उतार दिया है। किसान संगठन का आरोप है कि मंदसौर में फिलहाल इमरजेंसी जैसे हालात हैं।
कर्नाटक में एक और ऑनर किलिंग का बहुत ही दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक मुस्लिम लड़की को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने एक दलित से शादी की थी। पीड़िता गर्भवती थी। शादी से नाराज परिजनों ने पहले पीड़िता मारा और फिर जिंदा जला दिया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उपद्रवियों को चेताते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी भी कीमत पर शहर की फिजा नहीं बिगड़ने दी जाएगी।
सहारनपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने आज उत्तरप्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है। एक महीने से रुक-रुक कर जारी जातीय हिंसा में अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं।
सहारनपुर में जतीय हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। उधर सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी सहारनुपर हिंसा पर मौन धारण क्यों किए हुए हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सहारनपुर में एक फिर हिंसा भड़कने पर भाजपा और प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। रामगोपाल ने कहा कि सहारनपुर हिंसा भाजपा की राजनीति का दुष्परिणाम है।
सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद 180 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया है। दलितों की भीम आर्मी पर हिंसा और दंगे फैलाने का आरोप लगा है। दलितों ने इसी से खफा होकर इस तरह का कदम उठाया है। ये दलित तीन गांवों रूपड़ी, ईगरी व कपूरपुर के हैं। इन्होंने हिंदू धर्म त्यागने के दौरान बकायदा देवी-देवताओं की मूर्तियां पानी में प्रवाहित कर दी। दलितों ने पुलिस-प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जाति आधारित हिंसा के पीड़ितों को सहायता देने में विफल रही योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के बाद से जाति आधारित हिंसा में बढ़ोतरी हुई है।