सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और जदयू के शरद यादव समेत कई विपक्षी सांसदों ने आज केंद्र पर असहमति की आवाज को खामोश करने लिए तीस्ता को बुरी तरह से परेशान करने का आरोप लगाया।
आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी की मदद किए जाने के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर सरकार किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने जा रही है। इसका कारण साफ है कि सुषमा के मामले में न केवल भाजपा बल्कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल भी समर्थन कर रहे हैं।
पिछले दो दिनों से भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्रवाई पर अपनी पीठ थपथपा रही केंद्र सरकार की खुशियों पर म्यांमार ने पानी फेर दिया है। म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में इस बात का खंडन किया गया है कि भारतीय सेना ने उसकी सरजमीं पर कोई कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों को ढेर किया है। म्यांमार सरकार का यह भी दावा है कि उसकी सेना ने भारतीय सेना को किसी तरह की मदद नहीं की है।
पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
दिल्ली में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव को अहम का मामला बताते हुए आप के निष्कासित नेता योगेंद्र यादव ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर वास्तविक मुद्दों से बेहद अपरिपक्व तरीके से निपटने के लिए निशाना साधा।
प्रख्यात लेखक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने शनिवार को कहा कि 28 साल पहले मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में तत्कालीन सरकार ने पीएसी बल के विद्रोह के डर से समुचित कार्रवाई नहीं की थी और बाद में आई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई गंभीर पहल करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।
आयकर विभाग ने कड़े शब्दों में अपने अधिकारियों से कहा है कि कर चोरों के खिलाफ अब सिर्फ छापेमारी की कार्रवाई से काम नहीं चलेगा बल्कि उन्हें लक्ष्य करते हुए सघन तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
दक्षिणी चीन सागर को विवादित क्षेत्र मानते हुए चीन ने वहां भारत के तेल उत्खनन का विरोध किया है लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के ऐतिहासिक विवाद की अनदेखी करते हुए वहां अपनी 46 अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी आर्थिक परियोजना काे जायज ठहराया है। इसके पीछे उसका तर्क है कि यह ‘आजीविका परियोजना’ है जिसमें इतिहास से जुड़े मसलों को नहीं देखा जाना चाहिए।