सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने देश के अलग-अलग हाईकोर्ट से पांच मुख्य न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है मगर उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस के.एम. जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त नहीं किए जाने को लेकर कोलेजियम में मतभेद उभर आए और कोलेजियम के एक सदस्य ने इस पर अपनी लिखित आपत्ति दर्ज कराई।
केंद्र सरकार भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की जजों की संख्या बढ़ाने की मांग को कुछ हद तक पूरा करने जा रही है। इसीलिए सरकार ने कोलेजियम की कुछ मांगों पर अमल करते हुए न्यायविदों और वकीलों को सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्त करने की कैप हटा दी है। हालांकि, सरकार ने उच्च न्यायापालिका नियुक्ति की प्रक्रिया के अन्य दिशा-निर्देशों को सख्त ही रखा है।
न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर काॅलेजियम के निर्णय को लागू करने में केंद्र के विफल रहने पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को नाखुशी जताई और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में अविश्वास क्यों है। उच्चतम न्यायालय ने अटाॅर्नी जनरल से कहा कि वह सरकार से इस संबंध में निर्देश प्राप्त करें।
भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय का कोलेजियम पुनरीक्षित प्रक्रिया-पत्रा (मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर) पर सरकार को अगले हफ्ते तक अपना जवाब देगा। प्रक्रिया-पत्र एक ऐसा दस्तावेज है जो उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामलों में मार्गदर्शन करता है।
शिकायत निवारण व्यवस्था स्थापित करने समेत शीर्ष न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में व्यापक पारदर्शिता लाने के लिए आज उच्चतम न्यायालय के समक्ष कई सुझाव पेश किए गए। नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सुझावों के साथ ही योग्यता मापदंड, कोलेजियम के लिए एक सचिवालय की स्थापना तथा शिकायत निवारण व्यवस्था की स्थापना के मुद्दों को पेश किया गया।