Advertisement

Search Result : "कौन आनंद गिरी"

सुभाष चंद्रा के खिलाफ एफआईआर कराऊंगाः आर.के. आनंद

सुभाष चंद्रा के खिलाफ एफआईआर कराऊंगाः आर.के. आनंद

हरियाणा में हालिया राज्यसभा चुनाव में जी मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ हार झेलने वाले वरिष्ठ वकील आर.के. आनंद ने कहा है कि उन्हें हराने के लिए आपराधिक साजिश रची गई है और वह इस मामले में एक-दो दिन में एफआईआर दर्ज कराएंगे।
कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

हरियाणा से राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा जीत गए हैं। चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह चुनाव लड़ा था। चंद्रा की जीत में कांग्रेस विधायकों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
हरियाणा में आरके आनंद और सुभाष चंद्रा भिड़े

हरियाणा में आरके आनंद और सुभाष चंद्रा भिड़े

हरियाणा में राज्यसभा की सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इंडियन नेशनल लोकदल के समर्थन से जाने-माने वकील आरके आनंद ने जहां निर्दलीय उम्मीदवार के तौर नामांकन किया है वहीं मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा ने भाजपा के समर्थन से निर्दलीय पर्चा भर दिया है।
राव-मनमोहन को बचाने वाले आनंद भी जा सकते हैं राज्यसभा

राव-मनमोहन को बचाने वाले आनंद भी जा सकते हैं राज्यसभा

हाल ही में कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी हरियाणा से नामी वकील और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके आनंद को भी राज्यसभा भेज सकती है। बशर्ते आनंद प्रदेश से अपने लिए समर्थन जुटा सकें। कांग्रेस ने आरके आनंद को कहा है कि अगर वह हरियाणा से ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का समर्थन हासिल कर सकते हैं तो पार्टी उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार घोषित कर सकती है। गौरतलब है कि राज्यसभा में सरकार के पास समर्थन नहीं है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि उसके तेज-तर्रार नेता राज्यसभा में पहुंचे। आरके आनंद जहां नामी वकील माने जाते हैं वहीं पार्टी के फायर ब्रांड नेता भी हैँ। कानूनी तौर पर उन्होंने बहुत दफा कांग्रेस के दिग्गजों की नइय्या पार लगाई है।
अखिलेश के करीबी नेताओं को मिलेगा मंत्रिमंडल में मौका

अखिलेश के करीबी नेताओं को मिलेगा मंत्रिमंडल में मौका

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश के करीबी नेताओं सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
अभिनेताओं को अन्य विषयों में भी दिलचस्पी लेनी चाहिए: नसीर

अभिनेताओं को अन्य विषयों में भी दिलचस्पी लेनी चाहिए: नसीर

फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि फिल्मों के अलावा रंगमंच में सफल करियर बना चुके कलाकारों के लिए जरूरी है कि वे फिल्मों से परे अन्य विषयों में भी रुचि जगाएं अन्यथा वे जरूरत से अधिक संकुचित विचार वाले बन जाते हैं।
भाजपा का कौन सा सपना कभी पूरा नहीं होने देंगे क्षेत्रीय दल

भाजपा का कौन सा सपना कभी पूरा नहीं होने देंगे क्षेत्रीय दल

भाजपा देश को कांग्रेस से मुक्‍त करने का सपना संजोए हुए है। उसे इस दिशा में एक हद तक सफलता भी मिली है। लेकिन केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ काबिज भाजपा का यह सपना पूरी तरह कामयाब नहीं होगा। कांग्रेस के लचर प्रशासन से उकता चुके लोगों ने बेहतर सरकार के लिए नरेंद्र माेदी की ओर देखा और उन्‍हें प्रधानमंत्री बनाकर देश की कमान भी सौंप दी। लेकिन विविध भाषाओं और जाति में बंटे इस देश में कई ऐसे राज्‍य अभी भी हैं, जहां मोदी अभी भी देश के सर्वमान्‍य नेता नहीं बन पाए हैं।
गृह मंत्रालय का लापता अधिकारी हिरासत में

गृह मंत्रालय का लापता अधिकारी हिरासत में

गृह मंत्रालय के अधिकारी आनंद जोशी जो चार दिन पहले सीबीआई द्वारा तलब किए जाने के बाद लापता हो गए थे उन्हें एजेंसी ने वित्तीय लाभ के लिए कई एनजीओ को मनमाने तरीके से एफसीआरए नोटिस कथित तौर पर जारी करने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामले के सिलसिले में हिरासत में लिया। मंत्रालय में अवर सचिव आनंद जोशी से सीबीआई की विशेष अपराध शाखा के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
गुजरात में तोगड़िया के भतीजे की हत्या पर लालू बोले, यहां कौन सा राज

गुजरात में तोगड़िया के भतीजे की हत्या पर लालू बोले, यहां कौन सा राज

सूरत में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अध्‍यक्ष प्रवीण तोगड़िया के भतीजे भरत तोगड़िया समेत 3 लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर फौरन भाग निकले।
आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

सिंहस्थ कुंभ मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बुधवार को आयोजित सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप पुरानी घोषणा के मुकाबले बदला नजर आया। आयोजन में दलित समुदाय के संतों के साथ अन्य हिन्दू पंथों और संप्रदायों के धर्मगुरू भी शामिल हुए।