प्रख्यात इतिहासकार और जीवनीकार रामचंद्र गुहा ने आज कहा कि भारतीय बहुलवाद सबसे बड़े खतरों में से एक खतरे का सामना कर रहा है। यह खतरा उसे उन धार्मिक राष्ट्रवादियों से है, जो इसे कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बिहार में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब हो गई है। गंगा नदी अभी भी अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तीन दिनों में बिहार में बाढ़ के चलते 19 लोगों की मौत हो गई है। सोमवार की तुलना में गंगा के जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गई है, लेकिन सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण लोगों में बेचैनी है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री आवास जाकर मुलाकात की।
पंजाब में प्रचंड गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जालंधर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की बजाय आजकल राख की बारिश हो रही है। लोगों के घर की छतों और आंगन में राख की एक मोटी परत जमा हो रही है। इस बारिश का असर खाने और कपड़े पर भी हो रहा है।
आतंकवाद के बढ़ते खतरे से उपजी चुनौती को भयावह करार देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह इस अभिशाप से निपटने के लिए और अधिक प्रयास करे। इसके साथ ही भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने के लिए वास्तविक एवं प्रभावी वैश्विक सहयोग जरूरी है।
बोफोर्स विवाद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता अमिताभ बच्चन ने एक ब्लॉग लिखा है। ब्लॉग में बच्चन ने कहा है कि बोफोर्स मामले में उन पर एवं उनके परिवार पर आरोप लगने के कारण उनके अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लग गया था।
भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों को भले ही पाकिस्तान की तरह आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं हो लेकिन परमाणु आतंकवाद पर लगाम लगाने संबंधी एक अमेरिकी रिपोर्ट कहती है कि भारत की परमाणु संपत्तियों को अंदरुनी खतरा है। इस माह यहां होने वाले परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से पूर्व प्रतिष्ठित हार्वर्ड कैनेडी स्कूल द्वारा जारी रिपोर्ट ‘परमाणु आतंकवाद की रोकथाम: सतत सुधार या खतरनाक गिरावट ’ में यह बात कही गई है।
देश के कई राज्यों में पहले ही अपनी सरकार गंवा चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए शुक्रवार को बेचैन करने वाली खबर उत्तराखंड से आ रही है। राज्य के 36 कांग्रेस विधायकों में से 9 ने खुलेआम पार्टी से बगावत कर दी है और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला दिया है।
न्यायपालिका पर आप या हम कोई प्रश्नचिह्न लगाएं, तो अवमानना कानून की लक्ष्मण रेखा सामने आ सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान राष्ट्रपति स्वयं न्याय की वर्तमान व्यवस्था एवं उसकी साख पर संकट की बात करें, तो निश्चित रूप से सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवाज उठनी चाहिये।