झारखंड के गोड्डा जिले में कोयला खदान के धंसने की वजह से अंदर फंसे 7 लोगों के शव निकाले गए हैं। इस हादसे में 35 डंपर गाड़ियों और उसमें सवार 40 से ज्यादा मजदूरों के अब भी खदान में फंसे होने की आशंका है। इन मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी हैं और बचाव कार्य में मदद के लिए पटना से एनडीआरएफ की चार टीमों के साथ रांची से भी एक टीम घटना स्थल पर पहुंच रही है।
जिंदगी के तमाम उतार-चढ़ाव के बीच इंसान कई बार आत्म मूल्यांकन के दौर से गुजरता है। इस मूल्यांकन में ‘आत्म’ के साथ जीवन की अनेक परिस्थितियों, घटनाओं के साथ चलती कई जिंदगियों और उनसे जुड़े मनुष्यों की परख भी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में अतीत से वर्तमान और वर्तमान से अतीत के रास्ते की आवाजाही शामिल होती है। आवाजाही का यह सिलसिला बदले हुए समय के अनेक परिवर्तनों का आधार बनता है।
अडाणी की 21.7 अरब डालर की कोयला खान परियोजना के लिए पब्लिक फंडिंग नहीं होगी। यह बात आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कॉम टर्नबुल ने कही। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त करना चाहा कि वह खुद भी उनकी तरह ही जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेते हैं। इन प्रदर्शनकारियों ने मछली जैसे दिखने वाले कपड़े पहने हुए थे।
उत्तरी म्यांमार में पन्ने की एक खदान के समीप भूस्खलन होने से कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका है। ज्यादातर लोगों की मौत कचरे के पहाड़ में दबने से हुई है जो खनन कंपनियों ने पन्ना निकालने के लिए जमीन खोदने से बना था।
घने जंगलों के बीच बसा है मध्यप्रदेश का एक गांव उमरावन। जिसे अब उजाड़ा जा रहा है। गांववासियों के विस्थापन के लिए प्रशासन ने बिजली काट दी है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ गांववासी स्याह अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।