संसद में हंगामा जारी है लेकिन इस हंगामे के बीच भी एक दर्जन से अधिक निजी विधेयक पेश किए जाएंगे। इन विधेयकों में गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की चर्चा नहीं है। जीएसटी का मामला फिर लटक गया है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कांग्रेस की उदासीनता को देखते हुए संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकेया नायडू ने मंगलवार की शाम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आखिरी बैठक बुलाई थी लेकिन अब लगता है कि सरकार एक अप्रैल से इस कानून को लागू में असमर्थ ही नजर आ रही है।
राज्यसभा को विपक्ष द्वारा लगातार बाधित करने से नाराज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आने वाले दिना में सरकार शायद सिर्फ वही फैसले कर जो वह कार्यपालक आदेश द्वारा लागू कर सकती है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राज्यसभा को बाधित कर वह भविष्य में विपक्ष के लिए राह तैयार कर रही है और एक गलत मिसाल कायम कर रही है।
अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।
लोकसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने मांग की कि देश के मंदिरों, वक्फ बोर्डों और विभिन्न ट्रस्टों के पास पड़ी हजारों करोड़ की संपदा का इस्तेमाल समाज कल्याण योजनाओं में किया जाय। यही नहीं सरकार ट्रस्टों समेत देश में कार्यरत एनजीओ सेक्टर की लगातार निगरानी सुनिश्चित करे।
सुचारू रूप से चल रहे संसद के दोनों सदनों के कामकाज को देखते हुए सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयक को पारित कराया जाए। इसलिए इन विधेयकों को पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। इनके साथ ही लोकसभा में छह और राज्यसभा में सात विधेयकों को पारित कराने की भी योजना है। इनमें से दो विधेयक पहले से ही निचले सदन में और तीन विधेयक उच्च सदन में सूचीबद्ध हैं।
दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में करीब 400 फीसदी की वृद्धि होने जा रही है। इससे संबंधित विधेयक आज दिल्ली विधानसभा में पास हो गया। अब इस विधेयक को केंद्र के पास भेजा जाएगा। अगर केंद्र की मंजूरी मिलती है तो दिल्ली में विधायकों का पैकेज प्रतिमाह 2 लाख 35 हजार रुपये होगा जो सांसदों के वेतन से भी ज्यादा है। इस तरह दिल्ली के विधायक देश के सबसे महंगे जनप्रतिनिधि होंगे।
लोकसभा ने आज भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक, 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसमें वस्तु, प्रसंस्करण, पद्धति और सेवाओं के मानकीकरण, एकरूपता निर्धारण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं विकास जैसे कार्य के लिए एक राष्ट्रीय मानक निकाय स्थापित करने की बात कही गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक का स्वागत करते हुए इसमें कुछ सुझाव भी दिए हैं। साथ ही हजारे ने कहा है कि अगर केंद्र की राजग सरकार ने आप सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह उसके खिलाफ कदम उठाएंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा है कि यदि केंद्र की राजग सरकार ने दिल्ली की आप सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह इसके खिलाफ कदम उठाएंगे।