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Search Result : "खूबसूरत महिलाएं"

डायन कानून के बावजूद ज्‍यादती की शिकार महिलाएं

डायन कानून के बावजूद ज्‍यादती की शिकार महिलाएं

राजस्थान में महिलाओं को डायन बताकर प्रताड़ित करने की घटनाओं को रोकने के लिए कानून तो बन गया। लेकिन यह कानून अब तक जमीन पर नहीं उतरा है। पुलिस इस कानून से बेखबर है और औरत पर सितम ढाने वाले बेखौफ।
सेना में महिलाओं की युद्धक भूमिका नहीं होगी

सेना में महिलाओं की युद्धक भूमिका नहीं होगी

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुरक्षा कारणों से सशस्त्र बलों में कॉम्बेट अभियानों के लिए महिलाओं की भर्ती करने से इंकार किया है लेकिन कहा कि अन्य संचालन क्षेत्रों से जुड़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।
शिमला से भी खूबसूरत कुप्पड़

शिमला से भी खूबसूरत कुप्पड़

शिमला की खूबसूरती से तो आप सभी परिचित हैं। लेकिन यदि जन्नत के नजारों के और करीब जाना चाहें तो कुप्पड़ आपका अगला पड़ाव हो सकता है। कुप्पड़ की खूबसूरती किसी भी पर्यटक का मन मोह लेने के लिए काफी है। साथ ही यहां जाकर आप एक नई जगह के बारे में जानेंगे।
खूबसूरत शांत त्रिउंड

खूबसूरत शांत त्रिउंड

पहाड़ों पर ज्यादातर गुमनाम जगहें ऐसी हैं जहां परिवार के साथ जाना संभव नहीं। पथरीले पहाड़ शायद बच्चों को पसंद भी न आएं। लेकिन हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से लगभग 30-35 किलोमीटर पर एक खूबसूरत, शांत, धुंध के धुंए में लिपटा एक ट्रेकिंग रूट ऐसा है जो न केवल बच्चों को पसंद आएगा बल्कि आप यहां बच्चों को साथ ले जाकर पहाड़ों से उनकी दोस्ती का आगाज करवा सकते हैं।
रेलवे में बढ़ रही है महिलाओं की हिस्‍सेदारी

रेलवे में बढ़ रही है महिलाओं की हिस्‍सेदारी

रेल का चक्का दौड़ाने में पुरूषों से कम नहीं हैं महिलाएं कभी घर की चौखट से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं अब भारतीय रेल का चक्का दौड़ाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

सीमेंट के विज्ञापन में मॉडल बनीं मजदूर

अल्ट्राटेक सीमेंट का विज्ञापन दिखाना चाहता है कि उनकी सीमेंट से कैसी खूबसूरत इमारतें बनती हैं। इस खूबसूरती को दिखाने के लिए लगता है इस उत्पाद के विज्ञापन बनाने वालों को लगा होगा कि केवल खूबसूरत लोग ही खूबसूरत चीजें बना सकते हैं। खूबसूरती का अतिरेक दिखाता यह विज्ञापन मजदूरों का एक तरह से अपमान है
भूमि सुधार चाहिए, भू-अध्यादेश नहीं

भूमि सुधार चाहिए, भू-अध्यादेश नहीं

हमारी मांग है कि जमीन ली जाए लेकिन कॉरपोरेट के लिए नहीं बल्कि किसानों के लिए। जमीन ली जाए ताकि किसान औरतों के पक्ष में जमीन का पुनर्वितरण हो। खेती नहीं रहेगी, देश के पास अनाज नहीं रहेगा तो मेक इन इंडिया के नारे का ढोल कैसे बजेगा और कौन बजाएगा। यह कहना था भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव एनी राजा का।
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