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चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।
केन-बेतवा परियोजना को मंजूरी में देरी, उमा भारती ने दी अनशन की चेतावनी

केन-बेतवा परियोजना को मंजूरी में देरी, उमा भारती ने दी अनशन की चेतावनी

नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को वन्यजीव मंजूरी मिलने में विलंब से क्षुब्ध जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को चेताया कि अगर लाखों लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने वाली इस परियोजना को पर्यावरणविदों, एनजीओ की हिस्सेदारी वाली स्वतंत्र वन्यजीव समिति की मंजूरी में आगे कोई अड़चन आई तो वह अनशन पर बैठ जायेंगी।
'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

अपनी सरकार के कार्यकाल के चार साल से अधिक पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनौतियों के बीच भी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। आउटलुक से उन्होंने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश:
ऑनलाइन करो बुकिंग, अब घर-घर पहुंचेगा गंगा जल

ऑनलाइन करो बुकिंग, अब घर-घर पहुंचेगा गंगा जल

केंद्र की मोदी सरकार ने गंगाजल को देश के घर-घर में पहुंचाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बस लोगों को गंगाजल की ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को बताया कि डाक विभाग घर-घर तक गंगाजल पहुंचाएगा।
अब उत्‍तर प्रदेश को साधने की तैयारी, गंगा किनारे जुटेंगे भाजपा के दिग्‍गज

अब उत्‍तर प्रदेश को साधने की तैयारी, गंगा किनारे जुटेंगे भाजपा के दिग्‍गज

भाजपा पवित्र संगम की धरती इलाहाबाद से अगले महीने उत्तरप्रदेश चुनावों का बिगुल फूंक सकती है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और अन्य शीर्ष नेता दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए गंगा किनारे इस महानगर में जुटेंगे।
आखरी शाही स्नान के साथ सिंहस्थ संपन्न

आखरी शाही स्नान के साथ सिंहस्थ संपन्न

थोड़ी बाधा और बहुत सारे उत्साह के साथ आज 21 मई को आखरी शाही स्नान के साथ एक महीने से उज्जैन में चल रहा सिंहस्थ मेला आज औपचारिक रूप से खत्म हो गया। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और तिथि को देखते हुए मेले की व्यवस्थाएं 28 मई तक यथावत रहेंगी। सुबह ग्यारह बजे आम जनता के लिए स्नान घाट खोल दिए गए थे।
गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

किसी भी नदी की अविरल धारा बनाये रखने के लिए नदियों में देशांतरीय संयोजना एवं पर्याप्त प्रवाह जरूरी है लेकिन गंगा नदी में सर्दी और गर्मी के महीने में कई स्थानों पर पानी का प्रवाह रूक जाता है, साथ ही गंदे जल एवं औद्योगिक अपशिष्ट का प्रवाह जारी रहता है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की धारा की निर्मलता, पर्याप्त प्रवाह एवं स्वच्छता को बहाल करने को सरकार प्रमुखता दे रही है।
चर्चाः हथियार का हिसाब न लो साधु से | आलोक मेहता

चर्चाः हथियार का हिसाब न लो साधु से | आलोक मेहता

‌वह जमाना गया जब कहा जाता था कि ‘जात न पूछो साधु की’। इस बार सिंहस्‍थ कुंभ के अवसर पर पवित्र क्षिप्रा में भाजपा नेताओं-मुख्यमंत्री और साधुओं ने ‘दलित’ कोटे के तहत वाल्मीकी घाट पर स्नान किया। वैसे यह समरसता का स्नान था, लेकिन अन्य साधु-संतों और भक्त जनता को बता दिया गया कि दलित साधु-संत की अपनी महत्ता है।
आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

आरएसएस की आपत्ति पर भाजपा ने बदला सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप

सिंहस्थ कुंभ मे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बुधवार को आयोजित सामाजिक समरसता स्नान का स्वरूप पुरानी घोषणा के मुकाबले बदला नजर आया। आयोजन में दलित समुदाय के संतों के साथ अन्य हिन्दू पंथों और संप्रदायों के धर्मगुरू भी शामिल हुए।
दलित संतों के साथ शाह ने किया क्षिप्रा में स्नान फिर किया भोजन

दलित संतों के साथ शाह ने किया क्षिप्रा में स्नान फिर किया भोजन

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान बुधवार को पहले वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के साथ स्नान किया फिर बाद में समरसता भोज के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
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