जाने-माने पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के भारत में सभी कार्यक्रम रद्द करने की खबरों के बीच लखनऊ जिला प्रशासन ने कहा है कि वह तीन दिसंबर को लखनऊ महोत्सव में अपना कार्यक्रम पेश करेंगे।
मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने 8 नवंबर को दिल्ली में होने वाला कंसर्ट रद्द कर दिया है। गुलाम अली ने कहा कि सुरक्षा कारणों से वह भारत का अपना पूरा कार्यक्रम कैंसिल कर रहे हैं। तीन दिसंबर को उनका लखनऊ में होने वाला शो भी अब नहीं होगा।
पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-
शास्त्रीय गायिकी के सबसे प्रतिष्ठित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणासी में पहली बार किसी पाकिस्तानी कलाकार की आवाज गूंजी। भारतीयों के दिलों में बसने वाले यही फनकार गुलाम अली ने ऐसा समा बांधा कि देर शाम से सुबह तक उनके मुरीद मंदिर प्रांगण में उन्हें सुनने के लिए डटे रहे।