मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऊपर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला है। उनहोंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सूबे में सरकार बनने का मजा तो किसी और ने लिया, मैं तो सिर्फ सजा भुगत रही हूंं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के बाद प्रदेश की जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी लेकिन सरकार बनने का मजा किसी और मिला। वह तो सिर्फ सजा पा रही हैं।
फिल्म संस्थान पुणे के निदेशक और महाभारत में युधिष्ठर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान दिल्ली की लव-कुश रामलीला में रावण की भूमिका में नजर आएंगे। ग्रीन रूम में वह अपना मेकअप करवाते हुए ज्यादा बात तो नहीं कर पाए लेकिन इस भूमिका को लेकर वह काफी उत्साहित दिखे। ठेठ पंजाबी भाषा में वे दूसरे कलाकारों का हौसला बढ़ाते नजर आए।
मलेशिया ने चेताया है कि वहां की कंपनियां भारत में निवेश करने से तौबा कर सकती हैं। वे भारत, खासकर मध्य प्रदेश में अपने निवेश की सुरक्षा और यहां की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। भारत में मलेशिया के हाई कमिश्नर दातुक नैमन अशाकिल बिन मोहम्मद ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर वहां निवेश करने वाली एक कंपनी का भुगतान रोके जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा है कि अदालत के फैसलों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार के `मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमपीआरडीसी)‘ ने भुगतान रोक रखा है।
कोझीकोड में चल रहे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का आज आखिरी दिन था। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ ही बैठक समाप्त हो गई। लेकिन कुछ नेताओं की नाराजगी को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई।
सूबे की भाजपा सरकार के पुरजोर प्रयासों के बाद भी प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर जनता से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने से हिचक रहे हैं। अधिकारियों का आम आदमी से कोई सीधा संवाद नहीं है। जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कामकाज का फीडबैक ले रहे हैं। और जनता से जुड़कर लोक कल्याण के कार्यों में अधिक योगदान देना चाहते हैं।
मध्य प्रदेश में सहकारिता में गड़बड़ियां रोकने के लिए सहकारी लोकपाल की व्यवस्था बनाई जाएगी। साथ ही विभाग में इंटरनल विजिलेंस का भी गठन होगा। यह अनियमितताओं की जांच करेगा। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहकारिता मंथन कार्यक्रम में कही। उन्होंने खुद ही सहकारिता क्षेत्र की गड़बड़ियों के उदाहरण गिनाए। बताया कि हाउसिंग में धोखाधड़ी करने वालों पर तो मैंने स्वयं एफआईआर कराने को कहा।
मध्य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।
ऐसा लगता है कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में सब ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेमे के मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने तो यहां तक कह डाला है कि प्रदेश सरकार और संगठन जिस तरह काम कर रहे हैं उससे 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं गुड गवर्नेंस की बात करके सत्ता में आई पार्टी के लिए आत्मअवलोकन करने की जरूरत है क्योंकि प्रदेश की नौकरशाही निरंकुश हो गई है। इसके कारण कार्यकर्ता भी निराश हो रहे हैं।