चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि उसके कुछ अधिकारी तिब्बतियों के 81 वर्षीय सर्वोच्च धार्मिक नेता दलाई लामा को चंदा देकर उनकी मदद कर रहे हैं। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने 14वें दलाई लामा को कथित तौर पर चंदा देने को लेकर पार्टी के कुछ अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अलगाववाद के खिलाफ पार्टी की लड़ाई को कमजोर करता है।
चीन के सरकारी मीडिया ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली बड़ी जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की पुष्टि करती है, लेकिन पार्टी पर उनकी पकड़ बढ़ने से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में असहमति का पूरा अभाव हो सकता है।
चीन की सरकारी मीडिया ने अग्नि-4 एवं 5 मिसाइलों के परीक्षण पर भारत की आलोचना करते हुए आज कहा कि भारत ने परमाणु हथियारों एवं लंबी दूरी की मिसाइलों पर संयुक्त की ओर से लगाई गईं सीमाएं तोड़ी हैं और पाकिस्तान को भी इसी तरह का विशेषाधिकार मिलना चाहिए। अग्नि चार एवं पांच मिसाइलों की जद में चीनी मुख्य भूमि भी आती है।
क्यूबा के दिवंगत नेता फिदेल कास्त्रो को श्रद्धांजलि देते हुए भारत ने कहा कि बाहरी दबाव के बावजूद उनके नेतृत्व में क्यूबा ने शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की और ग्लोबल साउथ (तीसरी दुनिया) के लिए हवाना के संघर्ष ने उसे और कैरेबियाई द्वीप देश को एक साथ ला दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर पीछे नहीं हटने पर जोर देते हुए दुनिया के नेताओं से अपील की है कि वे पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते का समर्थन और पालन करें।
ट्विटर पर सक्रिय होकर नागरिकों को मदद पहुंचाने में अग्रणी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को विदेश नीति पर आधारित मैगजीन 'फॉरेन पॉलिसी' ने साल 2016 के 15 'ग्लोबल थिंकर्स' में जगह दी है। सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और हिलेरी क्लिंटन जैसी विश्व प्रसिद्ध हस्तियों को भी जगह दी गई है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज प्रोजेक्ट के एक विश्लेषण में चिंताजनक नतीजे सामने आये हैं। इसके अनुसार, 2015 में बाहरी वायु प्रदूषण से सबसे अधिक मौत भारत में हुई है जो चीन से भी अधिक है। इस अध्ययन से पता चलता है कि 1990 से अबतक लगातार भारत में होने वाले असामायिक मौत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में भारत में 3283 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई जबकि इसकी तुलना में चीन में 3233 लोगों की मौत हुई थी।