कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार से चुनावी बॉन्ड योजना में पारदर्शिता लाने की बात कही। पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड पूरी तरह से अपारदर्शी व्यवस्था है।
भाजपा हटाओ, देश बचाओ रैली राजद की रैली है बिहार के महागठबंधन की नहीं। इसमें गैर भाजपाई दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसमें यह बात मायने नहीं रखती कि इसमें जदयू शामिल होगी या नहीं।
चुनावी वादे करना बड़ा आसान है लेकिन उन्हें पूरा करना बहुत कठिन। भारतीय जनता पार्टी की सरकार से अब चमत्कार की उम्मीद की जा रही है। ऐसा खुद झारखंड में उनकी सरकार के मंत्री कह रहे हैं।
सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।
उत्तर प्रदेश में गुंडाराज का खत्म करने के दावे के साथ आई योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने हिंसक घटनाएं नई चुनौती पेश कर रही है। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जिस तरह शोभा यात्रा के नाम पर निकलेे जुलूस उपद्रव का कारण बने रहे हैं, उसने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला अब जुलूस, बवाल और दंगो के नाम से चर्चा में है। दूधली के बाद बड़गांव के सब्बीरपुर में जुलूस के नाम पर बवाल हुआ। इस तरह शोभायत्रा के नाम पर हो रही हिंसा और उपद्रव कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के चुनावी वादे के अनुरूप राज्य सरकार ने सूबे में 25 नए मेडिकल कॉलेज तथा छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) की स्थापना की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
देश के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने आज कहा कि चुनावी वादे आम तौर पर पूरे नहीं किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र सिर्फ कागज का एक टुकड़ा बन कर रह जाता है, इसके लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।