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Search Result : "जगदंबिका प्रसाद मिश्र"

लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

भ्रष्टाचार निरोधक निकाय लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए कुल 16 आवेदन आए हैं। आवेदन करने वालों में उच्चतम न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीश के अलावा उच्च न्यायालय के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने भी आवेदन किया है। इनके अलावा यूजीसी के एक पूर्व सदस्य और एक सूचना आयुक्त समेत कुल 16 लोगों ने लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जताई है। यह जानकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सूची जारी कर दी है।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
जंगलराज पार्ट 2: बिहार में फिर दो हत्याएं

जंगलराज पार्ट 2: बिहार में फिर दो हत्याएं

ऐसा लगता है कि बिहार में जंगलराज की वापसी की आशंकाएं सही साबित होने लगी हैं। लालू प्रसाद यादव के 15 वर्ष के शासन के दौरान हत्याओं, अपहरण, रंगदारी, लूटपाट की जो घटनाएं आम थी वह नीतीश के दस वर्ष के शासन के दौरान थम गई थीं मगर सत्ता में पूरी ताकत के साथ लालू प्रसाद की वापसी के साथ एक बार फिर अपराध का पुराना दौर लौटता दिख रहा है।
विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

विवेक मिश्र को आर्य स्मृति सम्मान

16 दिसंबर की शाम हिंदी भवन, दिल्ली में किताबघर प्रकाशन के संस्थापक पं. जगत राम आर्य के जन्मदिन पर कथाकार विवेक मिश्र को उनके उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ के लिए ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान 2015’ प्रदान किया गया। यह सम्मान हर साल साहित्य की किसी एक विधा को प्रकाशन के संस्थापक श्री जगत राम आर्य की स्मृति में दिया जाता है। इस बार उपन्यास विधा की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई थीं। तीन सदस्य के निर्णायक मंडल, असगर वजाहत, प्रताप सहगल तथा अखिलेश ने विवेक मिश्र के उपन्यास ‘डॉमनिक की वापसी’ को इस सम्मान के लिए चुना।
वी के सिंह पहुंचे राज्यसभा, विपक्ष ने किया हंगामा

वी के सिंह पहुंचे राज्यसभा, विपक्ष ने किया हंगामा

दलित मुद्दे पर विवादित बयान देकर घिरे केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के राज्यसभा में आने का आज विपक्षी सदस्यों ने जमकर विरोध किया। विपक्ष ने उन्हें सरकार से बर्खास्त करने की मांग की। हरियाणा में कुछ समय पहले दो दलित बच्चों की मौत के बाद उनके कुत्ते संबंधी बयान के कारण विपक्षी सदस्य उनसे सदन से जाने की मांग कर रहे थे।
अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

अशोक मिश्र की कहानी: किरदार

सपनों की उम्र लघुकथा संग्रह। मीडिया का अंतर्पक्ष, संपादित पुस्तक। कहानी संग्रह दीनानाथ की चक्की शीघ्र प्रकाश्य। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से प्रकाशित पत्रिका बहुवचन के संपादक।
लालू को गले लगाया, उनके भ्रष्टाचार को नहींः केजरीवाल

लालू को गले लगाया, उनके भ्रष्टाचार को नहींः केजरीवाल

लालू प्रसाद यादव के साथ गले लगने वाली उनकी तस्वीर वायरल हो जाने के बाद आज अपने भ्रष्टाचार विरोधी साख का बचाने का प्रयास करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजद प्रमुख ने उन्हें खींचा और गले लगा लिया और इसका मतलब गठबंधन नहीं है।
अक्षुण्‍ण नहीं बोल पाए थे मोदी, दोबारा लें शपथ: लालू

अक्षुण्‍ण नहीं बोल पाए थे मोदी, दोबारा लें शपथ: लालू

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप से शपथ लेने में हुई चूक का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। बहुत से लोग इस त्रुटि को तेज प्रताप की शिक्षा और अनुभव से जोड़कर लालू यादव पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन आज लालू यादव ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही लपेट में लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की शपथ के दौरान एक शब्द के गलत उच्चारण की याद दिलाते हुए कहा कि उन्‍हें दोबारा शपथ लेनी चाहिए।
मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्‍ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
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