टाटा समूह की प्रमुख धारक कंपनी टाटा संस ने पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री पर हमला बोलते हुए उन पर समूह का भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि वे समूह की प्रमुख कारोबारी कंपनियों पर अपना नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में शिरकत करने लखनऊ आए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने आए हैं और भाजपा को यहां से भगा देंगे।
समाजवादी पार्टी के रजत जयंति समारोह में पूरा समाजवादी कुनबा एक मंच पर इकट्ठा हुआ है। पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच जारी गतिरोध भी समारोह के दौरान खत्म होता नजर आ रहा है। समारोह को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनना है अखिलेश मांगेगे तो खून भी दे दूंगा।
मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कैबिनेट से चाचा शिवपाल सिंह यादव सहित चार मंत्रिायों को बर्खास्त कर चुके अखिलेश यादव ने आज कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके हाथ में तलवार थमायी जाए और फिर कहा जाए कि वह उसे चलायें नहीं।
टाटा समूह के चेयरमैन पद सेे हटाए गए साइरस मिस्त्री फिलहाल टाटा समूह में अपनी बाकी जगहों पर डटे हुए हैं और वह समूह की कारोबारी कंपनियों के चेयरमैन पद पर बने रहना चाहते हैं। इन कंपनियों में टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और टाटा मोटर्स जैसे कई नाम शामिल जहां वह इस समय प्रमुख के पद पर हैं।
टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर एक बार फिर कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार और विपक्षी दल भाजपा में तलवारें खिंच गई हैं। आरएसएस भी भाजपा के पक्ष में मैदान में आ गया है। इन दोनों ने सरकार से कहा है कि अगर सरकार टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के फैसले पर कायम रहती है तो भाजपा इसके खिलाफ बेंगलुरु में राज्य व्यापी रैली करेगी। उधर कांग्रेस का कहना है कि पिछले साल भी उसने टीपू सुल्तान की जयंती मनाई थी और इस साल भी वह इस परंपरा को जारी रखेगी।
टाटा संस के चेयरमैन के पद से सायरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद समूह उनके उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा है। इसी क्रम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के पूर्व वाइस चेयरमैन एस. रामादुरई का नाम टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए में सामने आया है।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
सरकार को सबसे बड़ा वादी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि न्यायपालिका का बोझ कम करने की जरूरत है क्योंकि उसका अधिकांश समय ऐसे मामलों की सुनवाई करने में लग जाता है जिनमें सरकार एक पक्ष होती है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने की भी वकालत की।