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Search Result : "जमीयत-ए-उलेमा हिंद"

‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘ संसद एक मरकज अदारा है लेकिन वहां बैठे लोग नफरत उगल रहे हैं। खासकर मुस्लिम अकिलियत के खिलाफ। साल भर से आग उगलने का यह सिलसिला जारी है और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है। इसका मतलब समझा सकता है। लेकिन इस देश में धर्मनिरपेक्षता का दस्तूर जारी रखने के लिए हम मैदान में आए हैं। इसके लिए 12 मार्च को दिल्ली में लगभग 40,000 हिंदू, मुसलमान, दलित और ईसाई धर्म के लोग इक्ट्ठा होकर अमन का पैगाम देंगे।‘ यह कहना है जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सईद अरशद मदनी का।
कहानी: श्यामल सखी तेरी

कहानी: श्यामल सखी तेरी

किशोर चौधरी रेडियो में काम करते हैं और जिंदगी की कहानियां लिखते हैं। चौराहे पर सीढ़ियां बहुत ही चर्चित कथा संग्रह रहा है। उसके बाद धूप के आइऩे में और जादू भरी लड़की को बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई। उनकी भाषा और कहानी को बुनने का तरीका उनकी कहानियों को खास बनाता है। उनके तीनों कहानी संग्रह हिंद युग्म से प्रकाशित हुए हैं।
दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर पर अपने सभी़ पड़ोसियों, वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के दावों को खारिज करने, समुद्र के इस हिस्से को अपनी मिल्कियत बताने और इन देशों को यहां से दूर रहने की चेतावनी जारी करने वाले चीन ने कहा है कि हिंद महासागर भारत का आंगन नहीं है। इसे भारत का बैकयार्ड समझने की धारणा परेशानी का सबब बन सकती है।
नेताजी फाइलें: इंदिरा ने नष्ट कीं, अटल ने छिपाईं

नेताजी फाइलें: इंदिरा ने नष्ट कीं, अटल ने छिपाईं

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस 48 वर्ष के थे जब कहते हैं कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक जापानी युद्धक विमान की दुर्घटना में उनकी मौत हो गई
हिंद महासागर में कूटनीतिक सेतु

हिंद महासागर में कूटनीतिक सेतु

हिंद महासागर में स्ट्रिंग ऑफ पल्स यानी मुक्ता‍-माल की सामरिक कूटनीति के जरिये चीन के बढ़ते प्रभात के बीच भारत ने भी कूटनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसी रणनीति के तहत भारत हिंद महासागर के तट पर बसे देशों के बीच व्यापार को सभ्य‍ता और संस्कृति से जोडक़र द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके मद्देनजर भारत तटीय देशों के साथ मधुर संबंध रखना चाहता है और इन संबंधों को व्यापार के साथ-साथ सभ्यता और संस्कृति से जोड़ रहा है।
भुवनेश्वर में हिंद महासागर से जुड़े देशों का सम्मेलन

भुवनेश्वर में हिंद महासागर से जुड़े देशों का सम्मेलन

हिंद महासागर के किनारे बसे समुद्री देशों की संस्कृति, सभ्यता और व्यापार को मजबूत करने के लिए बीस देशों के प्रतिनिधियों ने आह्वान किया है कि एकजुट होकर काम करें तो सबका विकास होगा। भुवनेश्वर में पहली बार हिंद महासागर के तटीय देशों के बीच व्यापार सुगमता सुलभ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने अतीत के अनुभवों से भविष्य को संवारने पर बल दिया।
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