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ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए गुरुवार को यहां तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची। उनके दौरे से तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा करार पर आगे बढ़ने की उम्मीदें है। सन 2011 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका यह पहला दौरा है।
अब दीवाने आम में जवाबदेही

अब दीवाने आम में जवाबदेही

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की ऐतिहासिक जीत के गहरे मायने हैं, जिनकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में दूर और देर तक सुनाई देगी। नई सरकार के सामने चुनौतियां और अपेक्षाएं भी जबर्दस्त हैं।
सतरंगी यात्रा का रोमांच

सतरंगी यात्रा का रोमांच

आली बुग्याल बेदनी से तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर है। खूबसूरती में भी वो बेदनी बुग्याल के उतना ही नजदीक है। कुछ रोमांचप्रेमी घुमक्कड़ आली को ज्यादा खूबसूरत मानते हैं।
सस्ते में भूटान यात्रा

सस्ते में भूटान यात्रा

भूटान की रोमांचक यात्रा का अनुभव रहस्यमय होने के साथ ही किफायती भी है, बशर्ते कि आप योजनाबद्ध तरीके से सैर-सपाटे को निकलते हैं और मोलभाव करते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस देश की यात्रा करते हुए आप कई अद्भुत और रहस्यमयी चीजों से रूबरू हो पाएंगे।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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