शोध छात्र के यौन उत्पीड़न मामले को लेकर विवादों में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वालसन थम्पू ने सोमवार को कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि संस्थान के लिए वह शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं तो इस्तीफा दे देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि इस मामले में शिकायतकर्ता को दिल्ली पुलिस की ईमानदारी पर भरोसा नहीं है।
व्यापमं घोटाले की कवरेज पर गए टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत के बाद अब घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन का शव दिल्ली यरपोर्ट के पास एक होटल में मिला है। हैरानी की बात है कि इसी मेडिकल कॉलेज की पूर्व डीन की मौत भी रहस्यमय तरीके से हुई थी। अब तक इस घोटाले से जुड़े 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एक शोध छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पीड़ित छात्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू के साथ हुई बातचीत के ऑडियो टेप व एसएमएस जारी करते हुए केस वापस लेने का दबाव डालने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री के आह्वान पर हैशटैग #SelfieWithDaughter टॉप ट्रेंड तो रहा ही साथ ही बेटियों संग सेल्फी खींच सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर पोस्ट करने का सिलसिला थम नहीं रहा। न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों ने अपनी बेटियों के साथ सेल्फी खींची और पोस्ट की लेकिन इस बीच गुजरात की एक ऐसी बेटी ने अपने कत्ल हो चुके अब्बा के साथ अपनी एक सेल्फी पोस्ट कर प्रधानमंत्री के नाम संदेश लिखा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर इस समय वायरल हो चुकी यह सेल्फी और संदेश एहसान जाफरी की बेटी निशरीन जाफरी हुसैन का है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आज विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनसे सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश की, सोनिया गांधी की जगह खुद केंद्रक के रूप में दावेदारी
यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं।
कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने।
इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।