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पंजाब में आरएसएस नेता गगनेजा को दिन दहाड़े गोली मारी, हालत नाजुक

पंजाब में आरएसएस नेता गगनेजा को दिन दहाड़े गोली मारी, हालत नाजुक

जालंधर के व्यस्ततम ज्योति चौक इलाके में दिन दहाड़े गोली मारे जाने के बाद गंभीर रूप से घायल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) जगदीश गगनेजा की हालत स्थिर लेकिन नाजुक है। उनकी देखरेख के लिए अब केंद्र से चिकित्सकों का एक दल बुलाया गया है।
पंजाब: आसमान से राख की बारिश, लोगों का स्वास्थ्य खतरे में

पंजाब: आसमान से राख की बारिश, लोगों का स्वास्थ्य खतरे में

पंजाब में प्रचंड गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन जालंधर सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पानी की बजाय आजकल राख की बारिश हो रही है। लोगों के घर की छतों और आंगन में राख की एक मोटी परत जमा हो रही है। इस बारिश का असर खाने और कपड़े पर भी हो रहा है।
पंजाबः भाजपा में बड़ा फेरबदल, सांपला नए प्रदेशाध्यक्ष

पंजाबः भाजपा में बड़ा फेरबदल, सांपला नए प्रदेशाध्यक्ष

भाजपा हाईकमान ने पंजाब में बड़ा फेरबदल करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री होशियारपुर से सांसद विजय सांपला को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष की इस दौड़ में अविनाश रॉय खन्ना, अश्वनी शर्मा और नवजोत सिंह सिद्धू भी थे।
पंजाब दौरे पर गए अरविंद केजरीवाल की कार पर लुधियाना में हमला

पंजाब दौरे पर गए अरविंद केजरीवाल की कार पर लुधियाना में हमला

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की कार पर पंजाब के जालंधर में कुछ प्रदर्शकारियों ने हमला किया। उनकी कार पर पत्थर फेंके गए जिससे कार का सामने वाला कांच टूट गया। हालांकि इस हमले में केजरीवाल सुरक्षित बच गए। और उन्हें कोई चोट नहीं आई।
देशभगत यादगार हॉल में सहेजी गई हैं इंकलाब के दीवानों की यादें

देशभगत यादगार हॉल में सहेजी गई हैं इंकलाब के दीवानों की यादें

देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए चलाए गए गदर और अन्य आंदोलनों के भूले बिसरे शहीदों की तस्वीरों का अनोखा और एकमात्र संग्रहालय है देशभगत यादगार हॉल। जालंधर स्थित इस संग्रहालय में क्रांतिकारियों की तकरीबन 300 से अधिक तस्वीरों और पेंटिंगों को प्रदर्शित किया गया है।
ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-