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दिल्ली: पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रदर्शन, जीएम सरसों को मंजूरी देने का भारी विरोध

दिल्ली: पर्यावरण मंत्रालय के सामने प्रदर्शन, जीएम सरसों को मंजूरी देने का भारी विरोध

देश के कुछ प्रमुख किसान संगठनों ने जीएम सरसों की वाणिज्यिक खेती की सिफारिश किए जाने पर विरोध जताया है। जीईएसी द्वारा जीएम सरसों को अनुमती मिलने के बाद किसान संगठनों ने पर्यावरण मंत्रालय से इसको मंजूरी नहीं देने की मांग की है।
जीईएसी ने दी जीएम सरसों की खेती को मंजूरी, आरएसएस ने जताया विरोध

जीईएसी ने दी जीएम सरसों की खेती को मंजूरी, आरएसएस ने जताया विरोध

अब भारत में भी जेनेटिकली मोडिफाई (जीएम) फसलों की खेती हो सकेगी। जीएम फसलों की खेती के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्राइजल समिति (जीईएसी) ने आज पर्यावरण मंत्रालय को अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि समिति ने इसके व्यवसायिक इस्तेमाल की सिफारिश करते हुए कई शर्तें भी रखी है।
विरोध का असर, जीएम सरसों पर नहीं हुआ फैसला

विरोध का असर, जीएम सरसों पर नहीं हुआ फैसला

भारत में अनुवांशिक तौर पर संवर्धित (जीएम) सरसों की खेती को मंजूरी देने के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बीच इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
जीएम सरसो के खिलाफ गरमा रही धरती

जीएम सरसो के खिलाफ गरमा रही धरती

केंद्र सरकार द्वारा जीम सरसो को मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया शुरू करने भर से विरोध हुआ तेज, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर को लिखा पत्र
दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्‍त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्‍वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्‍य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
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