उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
अभिनेता अरुण गोविल भारत के टीवी जगत में एक जाना पहचाना नाम हैं। लगभग 25 साल पहले रामायण में निभाए गए भगवान राम के किरदार के लिए पूरा देश उन्हें आज भी याद करता है। गोविल इस समय टीवी पर बहुत कम सक्रिय हैं। हाल ही में वे डीडी किसान चैनल से जुड़े हैं। और अब भाजपा से जुड़ने की खबरों से चर्चा में हैं।
मेरे अंगने में रूढ़िवादी सास की भूमिका निभा रहीं कृतिका देसाई का रीयल लाइफ अवतार देखकर उनके प्रशंसक सकते में आ सकते हैं। बाली में छुट्टियां मना रही यह खड़ूस सास अपने मेकअप और गेटअप से इतनी परेशान हो गईं कि वहां बिलकुल अलहदा नजर आईं।
उत्तर प्रदेश में सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ गया है। ताजा टकराव लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर है। उतर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराकर लोकायुक्त की नियुक्ति की जो फाइल राज्यपाल को भेजी थी। राज्यपाल ने उस फाइल को लौटा दिया।
खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार कहा कि देश के अन्य किसी खेल महासंघ की तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भी अपने कामकाज में जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के अनुसार वह सार्वजनिक संस्था है।
साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई।
एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
दिल्ली की तरह यूपी में भी राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने राज्यपाल राम नाईक पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह आए दिन गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं और भाजपा के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।
बंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी से बचाने के लिए कई पार्टी के सांसदों, रिटायर्ड जजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और फिल्म जगत की मशहूर हस्तियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा है।
यूं तो राम को चौदह साल का वनवास मिला था। लेकिन रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का ‘टीवी वनवास’ कुछ ज्यादा ही चल गया। अब खबर है कि अरुण गोविल जल्द ही ‘धरती की गोद में’ नाम से बन रहे एक धारावाहिक से टेलीविजन पर वापसी करेंगे।