ईमानदारी सबसे अच्छी नीति होती है और इसे चरितार्थ करते हैं हैं जापान की राजधानी टोक्यो के लोग। इसी कारण इस शहर को दुनिया का सबसे ईमानदार शहर माना जाता है। हर साल टोक्यो पुलिस के खोया-पाया विभाग के पास लोगों की खोई चीजें पहुंचती हैं। जब भी लोगों को कोई सामान कहीं लावारिस पड़ा मिलता है, तो लोग उसे पुलिस के पास पहुंचा देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ) की कार्यकारी समिति और प्रशासनिक परिषद ने टोक्यो 2020 ओलंपिक कार्यक्रम के लिए मिश्रित युगल स्पर्धाओं की सिफारिशों को सर्वसम्मति से मंजूर कर दिया। समिति का लक्ष्य सभी 15 ओलंपिक स्पर्धाओं को बनाए रखकर लिंग समानता हासिल करना है।
राजस्थान के कोटा शहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने महावीर नगर थाने में जमकर बवाल किया। दरअसल पुलिस हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों का चालान काट रही थी। और यही बात भाजपा कार्यकर्ताओं को नागरवार गुजरी। आनन फानन में कार्यकर्ता विरोध करने सीधे थाने पहुंच गए। कार्यकर्ताओं के साथ कोटा से विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पति नरेंद्र मेघवाल भी शामिल थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कहा सुनी हुई और हंगामा होने लगा, जिसके बाद पुलिस को सख्ती करनी पड़ी।
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के सांसद कोटा में जल्द ही अहम बदलाव हो सकता है। नए प्रावधानों में सांसद कोटा के तहत होने वाले दाखिले के लिए गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी। पिछली सरकार के दौरान इस कोटे को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था, मगर सांसदों के भारी विरोध के बाद इस फैसले को वापस लेना पड़ा था।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका से खुद को एक वैध परमाणु सशस्त्र देश के रूप में मान्यता देने की फिर से मांग की है। वहीं, विश्व के शक्तिशाली देश उसके हालिया और सबसे जोरदार परमाणु परीक्षण को लेकर उसे दंडित करने के तरीके तलाश रहे हैं।
रियो में उसे पदक उम्मीदों में गिना जा रहा था और महिला कुश्ती में विनेश फोगाट ने शुरूआत भी उसी अंदाज में की लेकिन क्वार्टर फाइनल में घुटने में लगी चोट ने उसका सपना और देशवासियों की उम्मीदें तोड़ दी हालांकि जुझारूपन की जिंदा मिसाल इस महिला पहलवान को टोक्यो में इसकी भरपाई की उम्मीद है।
प्रमुख डेयरी कंपनी अमूल ने रियो (ब्राजील) 2016 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय दल को प्रायोजित करने की बुधवार को घोषणा की है। ये खेल अगस्त में होने वाले हैं।
देश में प्राथमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा से लेकर तकनीकी शिक्षा पद्धति के विरोधाभास एवं दुविधा की स्थिति के बीच एक बेहतर कल की आस में कोचिंग संस्थाओं के जंजाल में फंसे छात्रों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला बदस्तूर जारी है, ऐसे में कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग तेज हो गई है।