महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने आज राज्य में रेजिडेंट डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार अस्पतालों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को बुधवार शाम तक ड्यूटी पर आने या छह महीने का वेतन नहीं दिये जाने की चेतावनी दी गयी है।
एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के मुनीरका में अपने दोस्त के यहां कथित रूप से फांसी लगा लेने वाले जेएनयू शोधछात्रा की मौत सांस अवरूद्ध होने से हुई और उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला।
लीबिया में अगवा किए गए भारतीय व्यक्ति डॉ. राममूर्ति कोसानाम को रिहा करा लिया गया है, जिसे भारत लाया जा रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस खबर की पुष्टि की।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच लंदन के विशेषज्ञ डॉक्टर रिचर्ड बेअले, अपोलो अस्पताल प्रबंधन और सरकारी डॉक्टरों ने जहर से मौत होने के कारण के सिरे से खारिज करते हुए कहा कि न तो उनके इलाज और न ही उनके निधन में कोई साजिश या रहस्य है।
शरीर के किसी हिस्से से खून बहने पर लोगों का दवा लगाना या डॉक्टर के पास दौड़ना आम है लेकिन नगालैंड के सुदूर गांवों में लोग खून का रिसाव बंद करने के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाते। वे अपने इलाके में उगने वाले एक खास पेड़ की पत्ती तोड़कर घाव पर रख लेते हैं, जिससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है। सायानग्लाजा नाम के इस पत्ते को यहां डॉक्टर पत्ता भी कहा जाता है।
राज्य में किसी भी डॉक्टर ने सरकारी नौकरी छोड़ी तो पांच या दस लाख रुपए देकर जान नहीं छूटेगी। विशेषज्ञ डॉक्टर को बॉन्ड के तहत एक करोड़ रुपए की राशि सरकार को अदा करनी होगी। राज्य सरकार ने बांड की राशि में 10 गुना बढ़ोतरी कर दी है। पहले जहां दस लाख रुपए की राशि अदा करनी होती थी, वहीं अब यह राशि एक करोड़ की होगी। वहीं एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए यह राशि 50 लाख रुपए तय की है।
दिल्ली के एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने जांघ के मांस का उपयोग करके मुंह के कैंसर से जूझ रहे एक व्यक्ति की जीभ को फिर से बनाने का करिश्मा कर दिखाया है। ऑपरेशन के बाद उस व्यक्ति के बोलने की क्षमता में भी सुधार देखा गया है। हालांकि वह अपनी जीभ से स्वाद नहीं ले सकता।
अस्पताल इमरजेंसी वार्ड (आई.सी.यू.) में व्यक्ति उस समय भर्ती किया जाता है, जब उसकी जान को गंभीर खतरा हो। भारत में सामान्यतः डॉक्टर और जज को लोग भगवान का रूप देवता ही मानते रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते विवादित बयान देने में आगे हैं। उनका एक और विवादास्पद बयान सामने आया है। इस बार उन्होंने अपने प्रदेश यानी मध्यप्रदेश के डॉक्टरों पर निशाना साधा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के डाॅॅक्टरों को 'अड़ियल बैल' बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन डाॅॅक्टरों पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा सकती। वह सख्ती करने पर पूरी तरह असमर्थ हैं।