समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
मरीजों को डराकर कमाई करने का धंधा चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। मरीज की स्थिति को गंभीरतम दिखाने के लिए कई बार फर्जी तरीकों का सहारा भी लिया जाता है। कॉरपोरेट अस्पतालों में लागू प्रदर्शन आधारित भुगतान की व्यवस्था से स्थिति बदतर हो रही है।
आत्मकथाएं वैसे भी अलग से रेखांकित की जाती हैं। ऐसे में यदि कोई आत्मकथा स्त्री द्वारा लिखी गई हो, इसके प्रति उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। और यदि यह आत्मकथा अध्यापक, आलोचक निर्मला जैन की हो तो जिज्ञासा कहां तक पहुंचेगी यह नापने का कोई पैमाना नहीं है।
राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के शैक्षिक दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
एनजीओ भारतीय जैन संगठन (बीजेएस) ने नेपाल में 100 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना बनाई थी। लेकिन अब उसने अपना काम बंद कर दिया है क्योंकि वहां के प्रशासन ने कड़ी शर्तों को हटाने से इंकार कर दिया।
संगीत सरहदें नहीं जानती, जाति, धर्म और बंटवारा नहीं मानती। पत्तों-पत्तों, हवाओं के रेशों-रेशों, बादलों के रुनझुन सी बूंदों में, हर रंगों की झलकियों में प्रतिपल ध्वनियां प्रवाहित होती हैं।
बॉलीवुड के जाने-माने संगीतकार-गीतकार रवींद्र जैन का आज मुंबई के लीलावती में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। जैन किडनी की समस्या से पीड़ित थे और पिछले दिनों यूरिनरी इंफेक्शन के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कल तक उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी मगर आज सुबह उनके निधन की खबर आई।