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चर्चाः मैदान से सिंहासन तक फिक्सिंग | आलोक मेहता

चर्चाः मैदान से सिंहासन तक फिक्सिंग | आलोक मेहता

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सा‌थ अब टेनिस में भी। मैच फिक्सिंग के आरोपों की पुष्टि खिलाड़ियों से हो रही है। विश्व के शीर्षस्‍थ टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने स्वीकारा कि आस्ट्रेलियाई ओपन के शुरुआती दिनों में उनसे मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क हुआ था।
चर्चाः कर्ज लेकर घी पीने के खतरे | आलोक मेहता

चर्चाः कर्ज लेकर घी पीने के खतरे | आलोक मेहता

कर्ज लो, नई कंपनी बनाओ, चलाओ, मुनाफा कमाओ। सुनकर निश्चित रूप से अच्छा लगेगा। प्रारंभिक मुनाफे पर टैक्स न लगना भाता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की घोषणाओं से युवा उद्यमियों को अवश्य प्रोत्साहन मिल रहा है।
चर्चाः केसरिया ‘नीति’ की कछुआ चाल | आलोक मेहता

चर्चाः केसरिया ‘नीति’ की कछुआ चाल | आलोक मेहता

‘योजना भवन’ की दीवार पोतकर ‘नीति आयोग’ का बोर्ड लगाने की पहली वर्षगांठ पर रोशनी और धूमधाम की तैयारी नहीं हो रही है। ‘नीति सम्राट’ आयोग के कामकाज और अब तक की ढिलाई से अप्रसन्न हैं। नवगठित आयोग में मुख्यमंत्रियों के उपसमूहों की रिपोर्ट अवश्य बनती गई, लेकिन अफसरों-बाबुओं ने पूरे एक वर्ष में केवल एक रिपोर्ट सरकार को दी। अब एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी अमिताभ कांति को मुख्य कार्यकारी ‌अधिकारी बनाया गया है, ताकि पूंजी निवेश और वितरण की योजना एवं व्यवस्‍था को पश्चिमी देशों की तर्ज पर आगे बढ़ाया जा सके।
चर्चाः ऑपरेशन के बाद सड़क पर सांस | आलोक मेहता

चर्चाः ऑपरेशन के बाद सड़क पर सांस | आलोक मेहता

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण मुक्ति का एक आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। आलीशान कार वालों से लेकर ऑटो-मेट्रो में चलने वालों ने भी केजरीवाल सरकार के आदेश के समक्ष समर्पण किया। अदालतों ने हस्तक्षेप से इंकार करने के अलावा न्यायाधीशों को भी नई राह पर चलना सिखा दिया। शीर्षस्‍थ डॉक्टर और पर्यावरणवादियों ने भरपूर आशीर्वाद दिया।
चर्चाः हंसाना मना है! आलोक मेहता

चर्चाः हंसाना मना है! आलोक मेहता

दुनिया के किस मुल्क में हंसने-हंसाने पर रोक हो सकती है? कम्युनिस्ट चीन हो या इस्लामी देश ईरान और पाकिस्तान रंगमंच, सिनेमा में सामाजिक मुद्दों-व्यक्तित्वों पर हास्य-व्यंग्य प्रभावशाली होता है।
चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

चर्चा: नमामि गंगे पर पहरा | आलोक मेहता

गंगा हिमालय से निकलती है, लेकिन सागर तक पहुंचने में बहुत रोड़े आते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगभग तीस वर्षों से गंगा को पवित्र बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर चुकी हैं, लेकिन ‘पुण्यलाभ’ नहीं मिल पा रहा है। गंगा अधिक मैली होती गई है। गंगा किनारे बसे शहरों की तरक्की के साथ मोहल्ले का कचरा, मल-मूत्र ही नहीं औद्योगिक बस्तियों के जहरीले रसायनों से गंगा को अपवित्र एवं प्रदूषित किया गया। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार की नमामि गंगे योजना में फंड जारी करने पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल इस बात से खफा हुआ कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने गंगा में प्रदूषण से जुड़े सवालों पर स्पष्ट जवाब तक नहीं दिए।
चर्चा: मंदिर के साथ कल्याण | आलोक मेहता

चर्चा: मंदिर के साथ कल्याण | आलोक मेहता

विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि सवा लांख गांवों में नए मंदिरों का निर्माण होगा। इस बार रामनवमी से यह काम शुरू हो जाएगा। घोषणा उत्तर प्रदेश में की गई है, लेकिन लक्ष्य देश भर के गांवों का है।
चर्चा: विश्व में शंखनाद, देश में सौतेली | आलोक मेहता

चर्चा: विश्व में शंखनाद, देश में सौतेली | आलोक मेहता

विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) उत्साह से मन गया। विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने हिंदी को प्रतिष्ठित करने के लिए अपने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प के उद्बोधन से समारोह में उपस्थित हिंदी प्रेमियों को प्रसन्न कर दिया। तालियां बजी। विदेश मंत्रालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा परदेसियों को हिंदी का ज्ञान बांटने और दूतावासों-उच्चायोगों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाने के प्रयास का स्वागत ही होना चाहिए। भारत में रहकर केवल पांच महीने में अच्छी हिंदी सीख चुकी रूसी छात्रा सुवमोनिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता धारा-प्रवाह सुना कर सबको प्रभावित कर दिया।
जामिया के दीक्षांत समारोह में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

जामिया के दीक्षांत समारोह में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

दिल्ली स्थित केंद्रिय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं शामिल होंगे। विश्वविद्यालय ने 19 जनवरी को वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन करने का फैसला किया है।
एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
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