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डीजल एसयूवी, भारी वाहनों पर लग सकती है सुप्रीम कोर्ट की रोक

डीजल एसयूवी, भारी वाहनों पर लग सकती है सुप्रीम कोर्ट की रोक

प्रदूषण के बढ़ते स्तर से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने आज संकेत दिया है कि वह अगले तीन चार महीने के लिए 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजनों की डीजल एसयूवी कारों और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा सकता है। साथ ही न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि इसके अलावा राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर लगने वाला हरित शुल्क दोगुना किया जा सकता है।
आईपीएल फेमा जांच: ईडी ने की शाहरूख से पूछताछ

आईपीएल फेमा जांच: ईडी ने की शाहरूख से पूछताछ

बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के साथ ही आईपीएल टी-20 टूर्नामेंट में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक प्रमुख मामले में जांच जल्दी पूरी हो सकती है।
आईपीएल: शाहरुख, जूही और जय मेहता को ईडी का समन

आईपीएल: शाहरुख, जूही और जय मेहता को ईडी का समन

बॉलीवुड स्टार और कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा से जुड़े मामले में समन भेजा है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख को ईडी दफ्तर में खुद हाजिर होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। अब देखना है कि शाहरुख खान ईडी के सामने पेश होते हैं या नहीं।
कनाडाई गैंगस्टर पर बीबा बॉएज

कनाडाई गैंगस्टर पर बीबा बॉएज

बॉलीवुड के बैडमैन गुलशन ग्रोवर की अगली फिल्म भारत-कनाडाई गैंगस्टर पर आधारित बीबा बॉएज है, जो युवाओं में अपराध और बंदूक के प्रति बढ़ते उनके झुकाव पर केंद्रित है।
सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
खोदा पहाड़ निकली सफलता

खोदा पहाड़ निकली सफलता

बजरंगी भाईजान फिल्म में पाकिस्तानी पत्रकार चांद नवाब की भूमिका के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी स्टार हो गए हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद फिल्म उद्योग ने उन्हें सितारा हैसियत दे ही दी। लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया था। अब अगले महीने उनकी फिल्म मांझी-द माउंटेनमैन आने वाली है। केतन मेहता की इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

धर्मान्धता के इस दौर में विनोद मेहता की कमी खलेगीः सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आउटलुक समूह के दिवंगत संस्थापक संपादक विनोद मेहता को जी.के.रेड्डी मेमोरिअल अवार्ड दिया, जिसे विनोद मेहता की पत्नी सुमिता मेहता ने स्वीकार किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हुए।
आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

आवाज न उठाता तो नकली पत्रकार बनताःदेवांश मेहता

इन दिनों सेंट स्‍टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए। अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः
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