वैकल्पिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना को आयुष मंत्रालय के ही कुछ अफसरों ने पलीता लगा दिया है। इन अफसरों की कारगुजारियों का ही नतीजा है कि आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी की दवाओं के मानकीकरण का काम चार साल से ठप पड़ा है। इसके बावजूद आयुर्वेदिक फार्माकोपिया कमेटी के चेयरमैन को तीन साल का एक्सटेंशन दे दिया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को झटका देते हुए कोरेक्स कफ सीरप, विक्स एक्शन 500 और कई एंटीबायोटिक दवाइयों समेत 344 एफडीसी दवाओं को प्रतिबंधित करने के उसके फैसले को आज यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह कदम बेतरतीब तरीके से उठाया गया था।