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Search Result : "दादा साहब फाल्के पुरस्कार"

बाल दासता अपने जीवनकाल में ही खत्म करूंगा- सत्यार्थी

बाल दासता अपने जीवनकाल में ही खत्म करूंगा- सत्यार्थी

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के लिए अब भारत और दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई तेज करना तथा अपने जीवनकाल में बाल दासता को समाप्त कर देना मिशन बन गया है।
बोलीं बादल की बहू, सिखों को अकाली दल से दूर करने की साजिश

बोलीं बादल की बहू, सिखों को अकाली दल से दूर करने की साजिश

‘पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। दोनों पार्टियां मिलकर अकाली दल के मूल वोटबैंक में सेंध लगा रही हैं। दोनों ही राज्य में राष्ट्र विरोधी पार्टी के तौर पर काम कर रही हैं।‘ यह कहना है केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर का। आउटलुक हिंदी से बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं। गौरतलब है कि हरसिमरत कौर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। पंजाब में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीते दिनों राजनीतिक तौर पर भी पंजाब सुर्खियों में रहा है। इसी संदर्भ में हरसिमरत कौर का कहना है कि चुनावों के मद्देनजर अकाली दल को बदनाम करने की साजिशें रची जा रही हैं।
मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

मैं काल्पनिक नहीं प्रामाणिक पर भरोसा करता हूं-रामदरश मिश्र

गीत, कविता, कहानियां, गजल, निबंध हर विधा में रामदरश मिश्र ने अपनी कलम चलाई है। वह नामी साहित्यकार से पहले संवेदनशील, उदार, स्नेहशील, सहज और सहृदयी व्यक्तित्व के स्वामी हैं। सन 2015 का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनकी पुस्तक आग की हंसी के लिए देने की घोषणा हुई है। इस मौके पर साहित्य अकादमी, दिल्ली, के सभागार रामदरश मिश्र जी ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम में अपने पाठकों, प्रशंसकों से रूबरू हुए।
स्त्री और सृष्टि को रेखांकित करती कविताएं

स्त्री और सृष्टि को रेखांकित करती कविताएं

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मलवाणा गांव में 26 जनवरी 1962 को किसान परिवार में जन्म। लेखन के साथ—साथ जन संगठनों में भागीदारी। हंस, वसुधा, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, पाखी, बया, कथाक्रम, आधारशिला, विपाशा और अमर उजाला आदि में कहानियां प्रकाशित। कुछ कहानियों और कविताओं का अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और मलयालम में अनुवाद। आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण। दो कहानी संग्रह बाणमूठ और पहाड़ पर धूप नाम से कहानी संग्रह प्रकाशित। हंस में प्रकाशित कहानी बाणमूठ पर वर्ष 2009 का प्रतिष्ठित रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार। बाणमूठ कहानी संग्रह पर 2012 का अखिल भारतीय सेतु साहित्य पुरस्कार। हिमाचली लोकनाट्य बांठड़ा पर पुस्तक प्रकाशित। कहानी बाणमूठ और मुट्ठी भर धूल पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा देश के विभिन्न शहरों में नाटकों का मंचन। मेघदूतम नाट्य अकादमी मुंबई की ओर से कहानी शापित गांव की प्रेम कथा का बिहार के सुपौल जिले में नाट्य मंचन।
अपने साथ हुए भेदभाव का खुलासा करेंगे किरमानी

अपने साथ हुए भेदभाव का खुलासा करेंगे किरमानी

भारत के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने अपनी आत्मकथा में साथी खिलाड़ियों के बारे में कुछ खुलासा करने का दावा किया है। उन्होंने जल्द ही जारी होने वाली अपनी आत्मकथा में साथी क्रिकेटरों द्वारा उनके साथ किए गए भेदभाव को जगजाहिर करने की बात की है।
आठ साल की बच्ची से आठ महीने तक दादा-चाचा करते रहे बलात्कार

आठ साल की बच्ची से आठ महीने तक दादा-चाचा करते रहे बलात्कार

एक दफा फिर रिश्ते तार-तार हो गए जब दादा और चाचा ने आठ वर्षीय अपनी ही घर की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया। बच्ची मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट की रहने वाली है। खबर है कि बच्ची के दादा और सौतेले चाचा कानपुर निवासी हैं और उन्होंने उसके साथ कानपुर में बलात्कार किया।
बाबा साहब ने जहर खुद पिया, हमारे लिए अमृत छोड़ गए: पीएम मोदी

बाबा साहब ने जहर खुद पिया, हमारे लिए अमृत छोड़ गए: पीएम मोदी

लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। संंविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबासाहेब का योगदान न होता तो संविधान शायद सामाजिक दस्‍तावेज न बनता। यह एक कानूनी दस्तावेज ही रह जाता।
अपमान झेलने के बाद भी अंबेडकर ने देश नहीं छोड़ा: राजनाथ

अपमान झेलने के बाद भी अंबेडकर ने देश नहीं छोड़ा: राजनाथ

आज संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान की प्रस्‍तावना पर विवादित बयान देकर माहौल गरमा दिया।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
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